समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 सिंतबर। पाकिस्तान की तरह ही हमेशा विवादों में रहने वाले चीन ने इस बार नेपाल से पंगा ले लिया है। वैसे भी चीन एक ऐसा देश है जिसका अपने सभी देशों के साथ बॉर्डर को लेकर कुछ ना कुछ खटपट चलता ही रहता है चाहे वह रूस हो ..नार्थ कोरिया हो. भारत, भूटान या नेपाल।
हालांकि नेपाल चीन से सीमा विवाद सुलझाने को लेकर कोशिश कर रहा है जिसके लिए नेपाल सरकार ने चीन के साथ बॉर्डर संबंधी मसलों पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है। यह फैसला नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा के सरकारी आवास पर मंत्रीपरिषद की बैठक में 1 सितंबर को लिया गया है।
नेपाल सरकार के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र बहादुर कर्की ने मामले को लेकर न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया है कि नेपाल-चीन सीमा से संबंधित लिमी लेपचा से लेकर हुमला जिले के नमखा ग्रामीण नगरपालिका के हिलसा तक की समस्याओं का अध्ययन करेगी।
जानकारी के मुताबिक़ हाल के दिनों में चीन ने नेपाल की जमीन पर अतिक्रमण किया था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि चीन ने नेपाल के हुमला क्षेत्र में नौ इमारतें बनाई थी। इस मामले को लेकर मुख्य जिला अधिकारी ने साइट पर जाकर अध्ययन किया था। हालांकि इसकी रिपोर्ट सावर्जनिक नहीं है क्योंकि नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने नेपाली क्षेत्र में चीन के अतिक्रमण की रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया था।
इस नए बने समिति में सर्वे डिपार्टमेंट, नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस और बॉर्डर एक्सपर्ट्स के अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। हालांकि अब तक रिपोर्ट जमा करने की कोई समय सीमा नहीं तय की गई है।