समग्र समाचार सेवा
प्रयागराज, 4सितंबर। उत्तर प्रदेश में डेंगू तेज़ी से गंभीर होता जा रहा है। फिरोज़ाबाद और मथुरा में डरावने आंकड़ों के बाद अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी डेंगू पैर पसार रहा है। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा यमुना नदियों में आई बाढ़ से राहत मिलने के बाद अब डेंगू खतरा नजर आ रहा है. प्रयागराज में अब तक 34 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है. शहरी क्षेत्र में 22 और ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू के 12 मरीज़ मिले हैं. इनमें से एक दर्जन से ज्यादा मरीज़ अब तक स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं जबकि बाकी डेंगू संक्रमित मरीज़ों का अलग अलग सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
एडीशनल सीएमओ डॉ सत्येन्द्र राय के मुताबिक ज़िले में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और डेंगू से किसी भी मरीज़ की मौत नहीं हुई है। सोरांव के इस्माइलगंज में तीन लोगों की डेंगू से हुई मौत की खबर का खंडन करते हुए उन्होंने बताया है कि सीएमओ के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गांव का दौरा कर जांच पड़ताल की. जांच में पता चला कि 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत क्रॉनिक लीवर डिसीज़ और टायफाइड से हुई. 32 वर्षीय एक महिला की मौत निजी अस्पताल में हार्ट की बीमारी से हुई और 52 वर्षीय व्यक्ति की मौत के पीछे डेंगू कारण नहीं था।
तेलियरगंज के गोविन्दपुर इलाके में 200 घरों का सर्वे भी कराया गया जिसमें से 80 घरों में मच्छर के लार्वा मिले। बीपीएल कार्ड धारकों के लिए ज़िले में 9000 मच्छरदानियां भी मंगाई गई हैं।
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में डेंगू के 497 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 409 मामलों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. बाकी में 66 मामले संदिग्ध हैं और 22 मामलों में बुखार के कारण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। मथुरा, फिरोज़ाबाद, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बस्ती, मेरठ जैसे ज़िलों के बाद अब प्रयागराज में डेंगू के कई मरीज़ों के सामने आने चिंता बढ़ रही है लेकिन प्रयागराज के सीएमओ दफ्तर के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि ये हर मौसम में होने वाला संक्रमण है, कोई नई बात नहीं है।