समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 सिंतबर। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जाति आधारित जनगणना से संबंधित मामलों के अध्ययन के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में बताया गया कि पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली इस समिति की अध्यक्षता करेंगे। समिति में पीएल पुनिया, सलमान खुर्शीद, अभिषेक मनु सिंघवी, मोहन प्रकाश, आरपीएन सिंह और कुलदीप बिश्नोई को भी शामिल किया गया है।
बता दें कि कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के दौरान जाति आधारित जनगणना की मांग का समर्थन किया था। कांग्रेस ने कहा था कि आरक्षण के लिए तय 50 फीसद की सीमा को आगे और बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने सरकार से यह भी पूछा था कि वह जाति आधारित जनगणना से भाग क्यों रही है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा में कहा था कि जाति आधारित जनगणना की जरूरत है क्योंकि कई राज्यों में पिछड़े वर्गों के लिए कोटा निर्धारित सीमा से ज्यादा हो गया है।
हाल ही में कांग्रेस ने अहम राष्ट्रीय मुद्दों पर निरंतर राजनीतिक आंदोलनों का सिलसिला जारी रखने के मकसद से एक नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति में यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी शामिल किया गया है। पेगासस कांड, कृषि कानूनों पर किसानों का प्रदर्शन और महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी दलों के प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर समिति गठित करने को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एकबार फिर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया कि इंटरनेट मीडिया के दौर में भी आज लोगों की आवाज दबाई जा रही है। राहुल ने कहा- राजनीति के लिए यह बहुत दुखद है कि वैश्विक मीडिया के इस दौर में भी वह चाहे वाट्सएप हो, ट्विटर हो या फेसबुक हो, जनता की आवाज दबाई जा रही है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मोदी सरकार रोजगार के लिए हानिकारक है। वह लोगों की नौकरियां छीन रही है।