समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 सितंबर। अफगानिस्तान में 20 साल बाद अपना कब्जा करने वाला तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया है कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा कर लिया है। हालांकि अब दोनों पक्षो के बीच खूनी संघर्ष जारी है। अश्वका समाचार एजेंसी के अनुसार, पंजशीर में कब्जे के बाद तालिबान ने शुक्रवार की रात हवाई फायरिंग कर जश्न मनाया लेकिन उनका ये जश्न आम अफगानियों की मौत का कारण बना। काबुल में तालिबान की हवाई गोलाबारी में बच्चों सहित कई लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं।
रेसिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के दावे का खंडन करते हुए कहा कि पंजशीर अब भी उन्हीं के कब्जे में है और जंग में उन्होंने तालिबान को भारी नुकसान पहुंचाया है। तालिबान की गोलीबारी में घायल हुए अपने प्रियजनों को शुक्रवार देर रात कई लोग अस्पताल ले गए।
खबरें हैं कि तो यह भी आ रही कि खुद को अफगान का राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर से भाग गए हैं लेकिन अमरुल्लाह सालेह खुद एक वीडियो के जरिए सामने आए हैं और उन्होंने कहा कि वह देश छोड़कर भागे नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि वह पंजशीर घाटी में ही हैं और रेसिस्टेंस फोर्स के कमांडरों और राजनीतिक हस्तियों के साथ हैं।
अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के कब्जे की बात को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा कि पंजशीर घाटी पर पिछले चार से पांच दिनों से तालिबान और अन्य बलों द्वारा हमला किया जा रहा है, लेकिन विद्रोहियों द्वारा किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया गया है।