समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 7सितंबर। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन एक साल से जारी है। दिल्ली की सड़कों के बाद अब ये प्रदर्शन अलग-अलग राज्यो तक पहुंच रहा है। किसानों ने कानून वापसी की मांग की है, लेकिन सरकार राजी नहीं है। मुजफ्फरनगर के बाद हरियाणा में महापंचायत हो रही है। हरियाणा सरकार का कहना है कि किसी भी तरह की स्थिति के लिए वह तैयार हैं। सोमवार दोपहर 12.30 से मंगलवार रात 11.59 तक पांच जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। कई जगहों पर रास्तों को भी डायवर्ट किया गया है।
करनाल में 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने महापंचायत बुलाई है। इसको देखते हुए प्रशासन ने करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, कैथल और जींद में इंटरनेट बंद का ऐलान किया है और धारा 144 लगाई गई है। हाल ही में किसानों ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत की थी, जिसमें ऐतिहासिक भीड़ आई थी।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने सोमवार दोपहर 12.30 बजे से मंगलवार रात 11.59 बजे तक इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है। करनाल के अलावा जींद, कुरुक्षेत्र, कटिहाल, पानीपत में भी इंटरनेट और एसएमएस सेवा बंद रहेगी। सुरक्षाबलों की कुल 40 कंपनियों की तैनाती की गई है, साथ ही केंद्रीय सुरक्षाबलों की 10 कंपनी को तैनात किया गया है। करनाल में पूरी तरह से धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस ने अंबाला-दिल्ली हाइवे पर जाम लगने की संभावना जताई है, साथ ही कई जगह डायवर्जन भी हो सकता है।
तमाम आशंकाओं से भरी सोमवार की रात जहां किसान नेताओं ने तैयारियों में गुजारी, वहीं पुलिस भी मोर्चाबंदी में जुटी रही। यूं तो सोमवार शाम से ही पुलिस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं, लेकिन जैसे-जैसे रात गहराई वैसे-वैसे पुलिस की तैयारियां भी रफ्तार पकड़ती गई।
आधी रात तक नई अनाज मंडी से सटे सेक्टर-3 स्थित औद्योगिक क्षेत्र को कंटीले तार और बांसों से सील कर दिया गया ताकि अनाज मंडी से किसी भी तरफ से किसान निकल न पाएं। रात 12:30 बजे तक औद्योगिक क्षेत्र के सात गेट सील किए जा चुके थे। पुलिस को आशंका है कि किसान माहौल बिगड़ने पर अनाज मंडी से औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों, श्रमिकों का अमला सीलिंग की कार्रवाई में जुटा रहा।