सीताराम येचुरी ने त्रिपुरा में माकपा और वामपंथियों की हिंसा पर पीएम मोदी को लिखा पत्र

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 सितंबर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने त्रिपुरा में माकपा और वाम मोर्चे पर जारी हिंसा पर भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा।

पत्र में कहा गया है, “हम आपका ध्यान त्रिपुरा में कल, 8 सितंबर को माकपा और वाम मोर्चे पर जारी अपमानजनक हिंसा की ओर आकर्षित करते हैं।

पूर्व नियोजित तरीके से, राज्य मुख्यालय सहित माकपा के कई कार्यालयों पर भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ ने हमला किया। जिन कार्यालयों को क्षतिग्रस्त या जला दिया गया उनमें उदयपुर अनुमंडल कार्यालय, गोमती जिला समिति कार्यालय; सिपाहीजला जिला समिति कार्यालय; विशालगढ़ अनुमंडल समिति कार्यालय, संतर बाजार अनुमंडल कार्यालय; पश्चिम त्रिपुरा जिला समिति कार्यालय एवं सदर अनुमंडल समिति कार्यालय।

सबसे बेशर्म हमला अगरतला में राज्य समिति कार्यालय पर हुआ। उन्होंने कार्यालय के भूतल और पहली मंजिल में तोड़फोड़ की, दो कार्यालय कारों को जला दिया और त्रिपुरा के लोगों के एक सम्मानित नेता दशरथ देब की प्रतिमा को तोड़ दिया।

माकपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई या आग लगा दी गई।

यहां तक ​​कि मीडिया भी दफ्तरों पर हमले से नहीं बख्शा गया। सीपीआई (एम) द्वारा समर्थित समाचार पत्र ‘डेली देशारकथा’ का कार्यालय भी क्षतिग्रस्त हो गया।

गौरतलब है कि इनमें से कई जगहों पर मौजूद पुलिस भी चुप बैठी रही। राज्य समिति कार्यालय के मामले में कुछ सीआरपीएफ जवान कार्यालय के सामने मौजूद थे लेकिन हमला शुरू होने से एक घंटे पहले उन्हें वापस ले लिया गया. (हमलों का विवरण संलग्न है।)

जिस तरह से हमलावरों ने कार्रवाई की, वह राज्य सरकार की मिलीभगत को दर्शाता है। ये हमले इसलिए हुए क्योंकि सत्ताधारी दल ने राज्य में मुख्य विपक्ष की गतिविधियों को दबाने की कोशिश की और नाकाम रही।

माकपा और वाम मोर्चे के खिलाफ इन हिंसक हमलों को रोकने के लिए हम आपसे बिना किसी देरी के हस्तक्षेप करने का पुरजोर अनुरोध करते हैं। जिस तरह से हमले हुए, उससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने और राजनीतिक गतिविधियों को शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने के लिए विपक्ष के संवैधानिक अधिकारों को रौंदने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल रही है।

पुलिस की मिलीभगत नहीं तो हिंसा को रोकने और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने में नाकाम रहने के कारण केंद्र सरकार संवैधानिक सिद्धांतों को लागू करने के लिए कार्रवाई करती है।

पत्र के साथ एक अनुलग्नक है जिसमें 8 सितंबर, 2021 को त्रिपुरा में भाजपा के लोगों द्वारा किए गए हिंसक हमलों की एक श्रृंखला बताई गई है।

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