समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 15 सितंबर। प्रसिद्ध फिल्म लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने शिवसेना के मुखपत्र सामना के लिए आज एक लेख लिखा है। इस लेख में जावेद अख्तर ने कहा है कि दुनिया में सबसे सभ्य और सहिष्णु बहुसंख्या हिंदू हैं। बता दें कि बीते दिनों अख्तर ने तालिबान की तुलना दक्षिणपंथी समूहों आरएसएस और वीएचपी से की थी, जिसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसके बाद अब जावेद अख्तर ने सामना में यह लेख लिखा है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बयान के संदर्भ में जावेद अख्तर ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा था कि सीएम उद्धव ठाकरे के सबसे बुरे आलोचक भी उनपर किसी भी भेदभाव या अन्याय का आरोप नहीं लगा सकते हैं। बता दें कि फडणवीस ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री नारायण रामे की तिरंगा यात्रा के बाद दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के अस्थायी स्मारक की शुद्धिकरण शिवसेना की तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है।
जावेद अख्तर ने बीते 3 सितंबर को एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जैसे तालिबान एक इस्लामिक स्टेट चाहता है, वैसे ही जो लोग हिंदू राष्ट्र चाहते हैं वे भी एक समान मानसिकता रखते हैं. जावेद अख्तर ने कहा कि मुसलमान हो, ईसाई हो, यहूदी हो या फिर हिंदू। तालिबान बेशक बर्बर है, उनकी हरकते बेहद शर्मनाक हैं लेकिन राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को समर्थन करने वाले लोग भी उसी मानसिकता के हैं।
इस लेख के बाद जावेद अख्तर को खूब किरकिरी का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब उन्होंने सामना में लिखे लेख में कहा कि- हाल ही मैंने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि पूरी दुनिया में सबसे सहिष्णु हिंदू बहुसंख्यक हैं। मैंने कई बार कहा है कि भारत कभी अफगानिस्तान नहीं बन सकता है। क्योकि भारतीय स्वभाविक रूप से कट्टरपंथी नहीं है। उदार होना उनके डीएनए में है।