न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को किया संबोधित, आतंकवाद से दुनिया को किया आगाह
समग्र समाचार सेवा
यूनाइटेड नेशन (न्यूयॉर्क), 25सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित किया। पिछले वर्ष महासभा का सत्र कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया था। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में पहली द्विपक्षीय मुलाकात करने और शुक्रवार को पहले प्रत्यक्ष क्वाड सम्मेलन में शामिल होने के बाद पीएम मोदी न्यूयॉर्क पहुंचे थे।
पीएम मोदी के यूएन महासभा में पहुंचने से पहले महासभा के बाहर भारी मात्रा में लोग उनका भाषण सुनने के लिए उपस्थित हुए थे। यूएन महासभा में पहुंचने के बाद उनके संबोधन से पहले महासभा के सदस्यों ने पीएम का स्वागत किया। जिसके लिए पीएम मोदी ने उनका शुक्रिया अदा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही कोरोना महामारी का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से पूरी दुनिया 100 साल में सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रही है। मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने इस तरह की भयानक महामारी में अपनी जान गंवाई और परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कोरोना, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन समेत कई अहम मुद्दों को दुनिया के सामने रखा। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने चाय बेचने के दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जिसने कभी अपने पिता की रेलवे स्टेशन की चाय की दुकान पर मदद की थी, वह आज चौथी बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और विविधतापूर्ण बनाया जाए, इसलिए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है।’ हमारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ इसी भावना से प्रेरित है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर भारत भारतीय छात्रों द्वारा बनाए गए 75 उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करने जा रहा है।’
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समुद्र भी हमारी साझी विरासत है इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि ओसियन रिसोर्सेज को हम यूज करें। हमारे समुद्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन की दौड़ से बचाकर रखना होगा।’ आज विश्व के सामने प्रतिगामी सोच और चरमपंथी का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को विज्ञान आधारित, तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि जो देश आतंकवाद का पॉलीटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी खतरनाक है। अफगानिस्तान को लेकर सुनिश्चित करना होगा कि अफगान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए ना हो। इस वक्त अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों को मदद की जरुरत है। हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा। अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जरुरी है। पीएम ने पाकिस्तान का नाम लिए वगैर पड़ोसी मुल्क को इस मंच से जमकर लताड़ा।