पीएम मोदी ने देश को दी सौगात, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का किया शुभारंभ

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे। वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने जनता को भी संबोधित किया और इस मिशन के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, बीते सात सालों में देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। आज एक ऐसे मिशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत है।

उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि आज से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी पूरे देश में शुरू किया जा रहा है. ये मिशन देश के गरीब और मध्यम वर्ग के इलाज में होने वाली दिक्कतों को दूर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।

इसके तहत एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, जो डिजिटल स्वास्थ्य इको सिस्टम के अंतर्गत स्वास्थ्य से जुड़े अन्य पोर्टल के परस्पर संचालन को भी सक्षम बनाएगा. यह मिशन आमजन तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सरकार हर व्यक्ति का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाएगी. यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा और देखने में आधार कार्ड की तरह ही होगा. आधार कार्ड में आपने देखा होगा कि जिस तरह का नंबर होता है, ठीक उसी तरह इस हेल्थ कार्ड पर एक नंबर होगा, जिसके आधार पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान साबित होगी.

क्या है यूनिक हेल्थ कार्ड, इससे क्या फायदा होगा?

यूनिक हेल्थ कार्ड आपके और डॉक्टर, दोनों के लिए फायदेमंद होगा. इससे मरीजों को तो डॉक्टर से दिखाने के लिए मेडिकल फाइल ले जाने से छुटकारा मिलेगा ही, साथ ही डॉक्टर भी मरीज का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसकी बीमारियों का पूरा डेटा निकाल लेंगे और तब उसके आधार पर ही आगे का इलाज शुरू हो सकेगा.

इस यूनिक हेल्थ कार्ड के जरिये पता चल सकेगा कि आयुष्मान भारत के तहत मरीज को इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं. इस हेल्थ कार्ड से ये भी पता चल सकेगा कि मरीज को स्वास्थ्य से संबंधित किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।

हेल्थ आईडी के लिए आधार, मोबाइल नंबर जरूरी

जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बनेगी, उससे उसका आधार नंबर और मोबाइल नंबर लिया जाएगा. इसी की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार की ओर से एक हेल्थ अथॉरिटी बनाई जाएगी, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित हर तरह का डेटा जुटाएगी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.