आचार्य डॉ परमानन्द
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28सितंबर। संतान के स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना की प्राप्ति के लिए रखा जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखने का विधान है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया, जिउतिया व जीमूतवाहन व्रत भी कहते हैं। यह व्रत सप्तमी से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलता है।
जितिया व्रत संतान की लंबी आयु, निरोगी जीवन और खुशहाली के लिए रखा जाता है। तीन दिनों तक चलने वाला यह व्रत नहाए खाए के साथ शुरू होता है। दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है। इस साल 28 सितंबर को नहाए खाए, 29 सितंबर को निर्जला व्रत और 30 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।
जितिया व्रत शुभ मुहूर्त-
28 सितंबर की शाम 06 बजकर 16 मिनट से आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू होगी। यह 29 सितंबर की रात 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। अष्टमी तिथि के साथ व्रत समाप्त नहीं होगा। व्रत का पारण 30 सितंबर को किया जाएगा।
व्रत पारण का समय-
जीवित्पुत्रिका जितिया व्रत रखने वाली माताएं 30 सितंबर को सूर्योदय के बाद दोपहर 12 बजे तक पारण करेंगी। जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण दोपहर 12 बजे तक अवश्य कर लेना चाहिए।