देश में पहली बार ड्रोन की मदद से पहुंचाई गई कोविड वैक्सीन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दी जानकारी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि सोमवार को ड्रोन के जरिए पूर्वोत्तर के दुर्गम इलाकों में कोविड-19 टीके की आपूर्ति सुविधा की शुरुआत की। अधिकारियों ने कहा कि आईसीएमआर का ड्रोन रिस्पांस एंड आउटरीच इन नॉर्थईस्ट , यह सुनिश्चित करने के लिए एक आपूर्ति मॉडल है कि जीवन रक्षक कोविड टीके सभी तक पहुंचें. यह स्वास्थ्य में ‘अंत्योदय’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिसका मकसद देश के अंतिम छोर के व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है।

मांडविया ने कहा, ‘यह पहली बार है कि दक्षिण एशिया में ‘मेक इन इंडिया’ ड्रोन का उपयोग कोविड-19 टीके को 15 किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित जगह पर 12-15 मिनट में पहुंचाने के लिए किया गया. इन टीकों को पीएचसी में लाभार्थियों को लगाए जाने के वास्ते मणिपुर में बिष्णुपुर जिला अस्पताल से लोकटाक झील, कारंग द्वीप पहुंचाया गया।’

मांडविया ने कहा कि इन स्थानों के बीच सड़क मार्ग से वास्तविक दूरी 26 किलोमीटर है. आज, पीएचसी में 10 लाभार्थियों को पहली खुराक और आठ को दूसरी खुराक मिलेगी.’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘उनके नेतृत्व में देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. आज एक ऐतिहासिक दिन है, जिसने दिखाया कि कैसे तकनीक जीवन को आसान बना रही है और सामाजिक परिवर्तन ला रही है।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा शुरू की गई यह पहल भारत के दुर्गम इलाकों में टीका आपूर्ति की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए हमारा टीकाकरण कार्यक्रम पहले ही सभी अपेक्षाओं को पार कर चुका है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह पहल हमें कोविड-19 के खिलाफ उच्चतम, संभव टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने में मदद करेगी. इस तरह की ड्रोन तकनीकों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल करने से अन्य टीकों और चिकित्सा आपूर्ति को जल्द से जल्द पहुंचाने में मदद मिलेगी।

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