15 अक्टूबर को मनाया जाएगा दशहरा, जानें पूजा का शुभ मुहुर्त, पूजा विधि और महत्व

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अक्टूबर। शारदीय नवरात्रि खत्म होने के बाद 10वें दिन दशहरा मनाया जाता है। हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा मनाया जाता है और इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल दशहरा यानि विजया दशमी का त्योहार 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धार्मिक कथाओं के मुताबिक इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत किया था. इसलिए दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।

दशहरा तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 14 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजकर 52 मिनट पर 15 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगी।
दशहरा की पूजा का शुभ मुहुर्त
दशहरा यानि विजयदशमी इस साल 15 अक्टूबर को है. शुभ मुहुर्त 1 बजकर 38 मिनट से 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. इस बीच आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं।

दशहरा की पूजा विधि
दशहरा यानि विजयदशमी के दिन भगवान राम, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी पूजा की जाती है. इस दिन गाय के गोबर से दस गोले बनाए जाते हैं जिन्हें कंडे भी कहते हैं. इन कंडों में नवरात्रि के दिन बोये गए जौ को लगाते हैं. इसके बाद धूप और दीप जलाकर पूजा की जाती है. कई जगह जौ को कान के पीछे रखने का भी रिवाज होता है।

दशहरा का महत्व
दशरहा के दिन ही भगवान श्री राम ने अत्याचारी रावण का वध कर विजय हासिल की थी और कहा जाता है​ ​कि यह युद्ध 9 दिनों तक लगातार चला. इसके बाद 10वें दिन भगवान राम ने विजय हासिल की. इसके बाद माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराकर लाए. वहीं यह भी कहा जाता है कि भगवान राम से युद्ध पर जाने से पहले मां दुर्गा की अराधना की थी और मां ने प्रसन्न होकर उन्हें विजयी होने का वरदान दिया था. इसके अलावा एक और मान्यता है कि मां दुर्गा ने दशहरा के दिन महिषासुर का वध कर जीत हासिल की थी।

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