केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पहलगाम दौरे पर पंचायती राज संस्थानों और उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19अक्टूबर। केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य और उद्योग एवं उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज पहलगाम का दौरा किया।
केंद्रीय मंत्री ने पशुपालन, जिला उद्योग, आईसीडीएस, समाज कल्याण, बागवानी, भेड़ पालन, हथकरघा और हस्तशिल्प विभाग आदि द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर केंद्रीय विकास आयुक्त-हस्तशिल्प शांतमनु, प्रमुख सचिव-उद्योग एवं वाणिज्य रंजन पी ठाकुर, आयुक्त/सचिव एफसीएस एंड सीए जुबैर अहमद, डीडीसी अध्यक्ष अनंतनाग, डीसी अनंतनाग और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
स्टालों पर कई अधिकारियों से बातचीत करते हुए श्री पीयूष गोयल ने विभिन्न उत्पादों के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने इन उत्पादों के उत्पादन के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने विशेष रूप से उन उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जो केंद्रशासित प्रदेश की निर्यात क्षमता में इजाफा कर सकते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्थानीय उद्यमियों और कारीगरों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए।
मंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत नवजात शिशुओं के बीच बेबी किट भी वितरित किए। लाडली बेटी योजना के तहत लाभार्थियों में अनुदान बांटा गया। उन्होंने दूध वैन की खरीद के लिए लाभार्थियों के बीच स्वीकृति पत्र बांटे। समाज कल्याण विभाग की ओर से दिव्यागों के लिए ट्राइसाइकिल भी वितरित की गई।
केंद्रीय मंत्री ने हाल में निर्वाचित पीआरआई (पंचायती राज संस्थान) सदस्यों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री को योजना और कार्यान्वयन प्रक्रिया में अपनी सक्रिय भागीदारी से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने विकास निर्णयों में उन्हें शामिल करने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
पंचायती राज संस्थाओं को साथ लेकर चलने में जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री गोयल ने पीआरआई की ओर से रखी गई सभी समस्याओं के शीघ्र निवारण का आश्वासन दिया। उन्होंने जिला प्रशासन को पहलगाम में होमस्टे पर्यटन की योजना बनाने का निर्देश दिया, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और पहलगाम की पर्यटन क्षमता को बढ़ाएगा। उन्होंने जन प्रतिनिधियों और आम जनता की शिकायतों को जिला प्रशासन तक पहुंचाने के माध्यम के तौर पर पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका पर जोर दिया।
श्री पीयूष गोयल ने घाटी के उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की। उद्योगपतियों ने उद्योग के सामने आ रही स्थानीय समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया। कश्मीरी शॉल के निर्यात में आने वाली बाधाओं पर गहन चर्चा हुई। नए औद्योगिक पैकेज और मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को उनकी तरक्की सुनिश्चित करने के लिए पैकेज का विस्तार करने की जरूरत पर भी चर्चा हुई।
केंद्रीय मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। शॉल के निर्यात में आने वाली बाधाओं पर तत्काल कदम उठाते हुए, उन्होंने अधिकारियों से श्रीनगर और दिल्ली हवाई अड्डों पर कश्मीरी शॉल के लिए परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के साथ ही अत्याधुनिक मशीनों की मदद से स्थानीय परीक्षण सुविधाओं को बेहतर करने का निर्देश दिया, जिससे इन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने एक कालीन गांव स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा, जो आने वाले पर्यटकों के लिए स्थानीय शिल्प के प्रदर्शन केंद्र के रूप में कार्य करेगा और वैश्विक स्तर पर स्थानीय कालीन उद्योग को बढ़ावा देगा। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि स्थानीय उद्योग के लोगों को अपनी विशेषता और सेटअप यूनिटों के साथ आगे बढ़ना चाहिए, यहां केंद्रशासित प्रदेश में स्थापित किए जा रहे उद्योगों के निर्वाह को सुनिश्चित करने के तुलनात्मक लाभ हैं।
केंद्रीय मंत्री दो दिन के दौरे पर हैं और कई विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे।