समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20अक्टूबर। एक बार विवादों में रहे जौमेटो को लेकर एक नई बात सामने आई है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल चेन्नई के एक ग्राहक ने आरोप लगाया है कि कंपनी के एक कर्मचारी ने हिंदी भाषा नहीं जान पर उसे पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। हालांकि जब यह विवाद हाइलाइट होने लगा तो कंपनी ने आरोप लगाने वाले ग्राहक से माफी मांगी। साथ ही कंपनी ने संबंधित कर्मचारी को नौकरी से निकालने की घोषणा भी की। विकास नाम के एक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया जिससे माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर रिजेक्ट जोमैटो हैशटैग ट्रेंड करने लगा।
क्या है मामला
विकास ने ट्वीट कर बताया था कि उसने जोमैटो से खाना मंगवाया था लेकिन उसमें एक डिश शामिल नही था और अपना पैसा वापस मांगा जिसके बाद कस्टमर केयर ने कहा कि पैसा वापस नहीं किया जा सकता। क्योंकि उसे हिंदी नहीं आती है। एक सीख भी मिली कि भारतीय होने के नाते मुझे हिंदी आनी चाहिए। उसने मुझे झूठा कहा क्योंकि उसे तमिल नहीं आती। जोमैटो, आप इस तरीके से ग्राहक से बात नहीं कर सकते। उसने पूर्व कस्टमर केयर एजेंट के साथ अपनी कथित बातचीत के स्क्रीनशॉट भी साझा किए। ऐसा आरोप है कि जोमैटो के एजेंट ने विकास से कहा कि हिंदी देश की राष्ट्रभाषा है।
जोमैटो ने तमिल अभिवादन वडक्कम के साथ शुरुआत करते हुए तमिल और अंग्रेजी दो भाषाओं में जारी बयान में कहा कि कंपनी को अपने पूर्व कर्मचारी के व्यवहार पर खेद है। जोमैटो ने ट्विटर हैंडल पर जारी बयान में कहा कि हमारी विविध संस्कृति के प्रति अनदेखी के लिए हमने एजेंट को नौकरी से निकाल दिया। नौकरी से निकालना हमारे प्रोटोकॉल के अनुरूप है और एजेंट का व्यवहार स्पष्ट तौर पर संवेदनशीलता के सिद्धांतों के खिलाफ था जिसके लिए हम अपने एजेंटों को नियमित रूप से प्रशिक्षण देते हैं। उसने कहा कि नौकरी से निकाले गए कर्मचारी का बयान भाषा और विविधता को लेकर हमारी कंपनी का रुख नहीं दिखाता है।