समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 21अक्टूबर। भारत की राजनीति दलों में विरोधी दलों के लिए कुछ भी अनाब-सनाब कह देना अब आम बात हो गई है। नेताओं के बयानबाजी का सिलसिला कुछ ऐसे चलता है कि उन्हें अपनी मर्यादा का भी विल्कुल ध्यान नही रहते है और वे विरोधी दलों के लिए कोई भी बात कहने से पीछे नही हटते उसके बाद बयानों का सिलसिला विवाद बढ़ने तक चलता रहता है।
अब राजस्थान में दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर नेताओं की बयानबाजी अभी से शुरू हो चुकी है। उदयपुर में वल्लभनगर प्रत्याशी के समर्थन में केन्द्रीय न्याय एवं विधि राज्य मंत्री एसपी बघेल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अमर्यादित शब्द बोले।
दरअसल केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल ने भाजपा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला के लिए जनता से वोट मांगे। उन्होंने जहां भाजपा की केंद्र सरकार की जमकर तारीफ तो की ही साथ अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ भी बोलना शुरू कर दिया। बघेल ने कहा कि “गहलोत केवल घोषणा मुख्यमंत्री हैं, 100 झूठ बोलने वाले जिस दिन मरे होंगे उस दिन गहलोत का जन्म हुआ होगा।” उन्होंने कहा कि “प्रदेश के लाखों किसान कर्ज माफी की बाट देख रहे हैं, युवा नौकरियों की मांग कर रहे हैं और उन्हें लाठियां मिल रही है। गहलोत सरकार के लोग पेपर आउट करवा कर बेरोजगारों के अरमानों का गला घोट रहे हैं।”
केन्द्रीय मंत्री बघेल ने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कि राज्य की गहलोत सरकार ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा करने में असफल रही। ऐसे में यह दोनों उपचुनाव राजस्थान के राजनीति के लिए सेमी फाइनल है। इस बार दोनों चुनाव में भाजपा को जीत मिलेगी, लेकिन राजस्थान सरकार के कामकाज से जनता को काफी शिकायतें हैं।
कांग्रेस सरकार ने राजस्थान के 2018 के चुनाव में अपने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे उन्हें भी धरातल पर नहीं उतार पाई। इनमें किसानों की कर्जा माफी की बात हो या बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बातें। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे में लगातार घोषणा करने के कारण मुख्यमंत्री गहलोत का नाम, घोषणा गहलोत कर देना चाहिए। राजस्थान की गहलोत सरकार को बने 3 साल हो गए, ऐसे में 3 साल में एक छोटा बच्चा दौड़ने लगता है, लेकिन गहलोत की सरकार घुटने के बल रेंग रही है।