वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय के लिए पूंजीगत व्यय पर की समीक्षा बैठक
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 नवंबर। पूंजीगत व्यय में तेजी लाने और समय पर बुनियादी ढांचे के विकास को जारी रखने के लिए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) और इस्पात मंत्रालय (इस्पात) के साथ पूंजीगत व्यय पर समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की।
इन समीक्षा बैठकों में सचिव (आर्थिक मामले), सचिव (एमओआरटीएच), सचिव (एमओपीएनजी), सचिव (इस्पात), संयुक्त सचिव (आर्थिक मामले) सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान तीसरी एवं चौथी तिमाहियों के लिए मंत्रालयों एवं उनके सीपीएसई के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) योजनाओं, पहली एवं दूसरी तिमाहियों के दौरान पूंजीगत व्यय संबंधी उपलब्धियों, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) पर किए गए व्यय, पीपीपी के माध्यम से शुरू की गई परियोजनाओं, राष्ट्रीय मास्टर प्लान (गति शक्ति) के तहत परिसंपत्ति मुद्रीकरण एवं अभिसरण द्वारा जुटाई जाने वाली रकम के अनुमान पर चर्चा की गई।
पूंजीगत व्यय के मोर्चे पर इन तीनों मंत्रालयों की अच्छी प्रगति को देखते हुए वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में और वित्त वर्ष 2013 की पहली छमाही में पूंजीगत व्यय की फ्रंट-लोडिंग का सुझाव दिया। श्रीमती सीतारमण ने दोहराया कि बुनियादी ढांचा परियोजनाएं सरकार के लिए एक प्राथमिकता है और केंद्रीय बजट में दिए गए पूंजीगत व्यय प्रोत्साहन, पिछले वर्ष की तुलना में 34.5 प्रतिशत की वृद्धि, के अनुरूप लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह आवश्यक है कि वित्त वर्ष की शुरुआती तिमाहियों में भौतिक एवं वित्तीय परियोजनाओं के लक्ष्यों का विस्तार किया जाए।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ समीक्षा बैठक के श्रीमती सीतारमण ने सुझाव दिया कि विशिष्ट परियोजनाओं की समीक्षा को त्रैमासिक से मासिक में बदलाव किया जा सकता है ताकि परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाना सुनिश्चित हो सके। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि चूंकि रिफाइनरियां आर्थिक विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचागत परिसंपत्तियां हैं इसलिए उनकी प्रगति बुनियादी ढांचा क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस्पात मंत्रालय के सचिव ने बताया कि इस्पात का उत्पादन पहले से ही वैश्विक महामारी के पूर्व स्तर के 90 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और अगली दो तिमाहियों में इस्पात मंत्रालय को अब तक का सर्वाधिक उत्पादन हासिल होने की उम्मीद है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस्पात क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं और उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आत्मनिर्भर भारत के तहत विशेषीकृत इस्पात के लिए हाल ही में शुरू किए गए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से उद्योग लाभ होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि संबंधित मंत्रालय बुनियादी ढांचे के खर्च में तेजी लाने और उसके लिए प्रगतिशील उपाय करने के लिए सतर्क हैं। समीक्षा बैठक के दौरान पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा तिमाही लक्ष्य से आगे चलने, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मॉडल कंसेसन एग्रीमेंट (एमसीए) में व्यापक संशोधन करते हुए उसे रियायती के अनुकूल बनाने और इस्पात मंत्रालय द्वारा राइट्स ऑफ वे जैसे मुद्दों के समाधान की दिशा में पहल आदि पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान पाया गया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए यह उपाय काफी सक्रियता से उठाए गए कदमों को दर्शाते हैं।
अक्टूबर 2021 के अंतिम सप्ताह से शुरू होने वाली समीक्षा बैठकों की श्रृंखला वित्त मंत्री द्वारा पूंजीगत व्यय पर विभिन्न बुनियादी ढांचा मंत्रालयों/ विभागों के साथ तीसरा सत्र है और यह जून 2021 में आयोजित पिछले दौर की बैठकों को आगे बढ़ाती है।