बॉम्बे हाई कोर्ट ने विजयपत सिंघानिया की किताब के प्रकाशन और बिक्री पर लगाई रोक

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 5 नवंबर। पैन मैकमिलन इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि वह विजयपत सिंघानिया की पुस्तक ‘एन इनकंप्लीट लाइफ’ के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगा और इसके लिए कानूनी सलाह लेगा।

प्रकाशक ने एक बयान में कहा, “बॉम्बे उच्च न्यायालय ने विजयपत सिंघानिया द्वारा लिखित पुस्तक के प्रकाशन, बिक्री और वितरण से पैन मैकमिलन इंडिया को रोक दिया है।”

बयान में कहा गया है कि एक नोटिस और उच्च न्यायालय के आदेश की एक प्रति हमें भेजी गई है और हमने आदेश का पालन करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं।

इसने आगे कहा, “हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि पैन मैकमिलन इंडिया रेमंड और लेखक के पिछले प्रकाशकों के बीच 2019 में ठाणे जिला न्यायालय में किसी भी कार्यवाही में भागीदार नहीं रहा है। इस प्रकार, हमें ठाणे सत्र न्यायालय द्वारा पुस्तक के किसी भी पुराने संस्करण के संबंध में किसी भी निषेधाज्ञा से अवगत नहीं कराया गया था।

पैन मैकमिलन इंडिया ने आगे कहा, हमें सौंपी गई पांडुलिपि की सामग्री की एक कानूनी विशेषज्ञ द्वारा जांच की गई थी और हम मानते हैं कि हमारे द्वारा प्रकाशित पुस्तक मानहानिकारक नहीं है।

बयान में कहा गया है, “हम माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित 4 नवंबर 2021 के आदेश का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं।” हम पैन मैकमिलन इंडिया के लिए उपलब्ध समाधानों के संबंध में कानूनी सलाह मांग रहे हैं।

बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उद्योगपति विजयपत सिंघानिया की आत्मकथा एन इनकंप्लीट लाइफ की बिक्री, प्रसार और वितरण पर रोक लगा दी। रेमंड ग्रुप के पूर्व चेयरमैन विजयपत सिंघानिया (83) किताब के विमोचन को लेकर अपने अलग हुए बेटे गौतम सिंघानिया और रेमंड कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.