आज महिलाओं ने रखा विनायक चतुर्थी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7नवंबर। हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती है। हिन्दु धर्मग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। हालाँकि विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने में होता है लेकिन सबसे मुख्य विनायक चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है। भाद्रपद के दौरान पड़ने वाली विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। सम्पूर्ण विश्व में गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान से अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहते हैं. जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं. ज्ञान और धैर्य दो ऐसे नैतिक गुण है जिसका महत्व सदियों से मनुष्य को ज्ञात है. जिस मनुष्य के पास यह गुण हैं वह जीवन में काफी उन्नति करता है और मनवान्छित फल प्राप्त करता है।

विनायक चतुर्थी शुभ समय
कार्तिक, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 04:21 पी एम, नवम्बर 07
समाप्त – 01:16 पी एम, नवम्बर 08

विनायक चतुर्थी पूजन विधि
ब्रह्म मूहर्त में उठकर स्नान करें. व्रत का संकल्प लेने के बााद दोपहर में भगवान गणेश का पूजन करें. उन्हें दूर्वा अर्पित करें. पूजन कर श्री गणेश की आरती करें. ॐ गं गणपतयै नम: का एक माला जप करें. श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.