समग्र समाचार सेवा
मथुरा, 26नवंबर। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में चलती कार में हुए रेप की पीड़िता ने ज़हर खाकर आत्महत्या की कोशिश की. पीड़िता का आरोप है कि मेरे साथ सिर्फ रेप नहीं हुआ, बल्कि गैंगरेप किया गया था। पुलिस ने इस मामले को सिर्फ रेप का बता दिया और रेप के तौर पर ही दर्ज किया. सुसाइड की कोशिश करने वाली पीड़िता को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि एक दिन पहले ही मथुरा की युवती से चलती कार में रेप किया गया था। युवती आगरा में पुलिस भर्ती परीक्षा देने गई थी. पुलिस का कहना था कि युवती के साथ हरियाणा के रहने वाले युवक ने उसके साथ कार में रेप किया था। इस युवक को वह फेसबुक के जरिये जानती थी. वह आगरा में ही उससे पहली बार मिलने आया और कार में बैठाकर ड्रग्स सुंघा दी. इससे वह बेहोश हो गई. इसके साथ उसके साथ दोस्तों के संग मिलकर गैंगरेप किया. फिर पीड़िता को राजमार्ग के किनारे फेंक कर भाग गए थे।
अब ताजा घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर आगरा क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने कोसीकलां पहुंचकर स्वयं पीड़िता का बयान लिया है. दूसरी ओर, पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी तेजवीर को गिरफ्तार कर लिया है तथा घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद कर ली गई है. आरोपी तेजवीर से पूछताछ की जा रही है।
बताया गया है कि आरोपी युवक से उसकी पहचान कुछ ही दिन पूर्व सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी. इसके अलावा वह बस उसका नाम और फोन नंबर ही जानती थी. घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही सक्रिय हुई पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों एवं फोन नंबर के सर्विलांस के माध्यम से मुख्य आरोपी का पता लगाकर उसे बृहस्पतिवार को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली तथा घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद की।
पीड़िता के परिजनों के अनुसार, पुलिस ने कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले को केवल एक व्यक्ति द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले में बदल दिया है जबकि वास्तविकता इसके परे है. हालांकि, इस मामले में कोसीकलां के थाना प्रभारी संजीव त्यागी से प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. दूसरी ओर, कथित रूप से इस जानकारी पर न्याय मिलने से निराश युवती ने जहर खाकर खुदकुशी करने का प्रयास किया, उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. घटना की जानकारी पाकर आगरा रेंज के आईजी नचिकेता झा तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने अस्पताल पहुंचकर युवती का हालचाल लिया और उसे न्याय का आश्वासन दिया।
इस बीच, पुलिस सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच किसी क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी से कराकर 24 घंटे में रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए हैं।