भारतीय भाषाओं को दें अधिक महत्व – सत्य पाल जैन

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समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 27 नवंबर। पूर्व भाजपा सांसद और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने शनिवार को भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय के कस्तूरबा हॉल और सरदार वल्लभभाई पटेल हॉल द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित किया।

इस दौरान जैन ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारतीय भाषाओं को अधिक महत्व दिया जाए और प्राथमिक शिक्षा अपनी मातृभाषा में दी जाए।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान ने प्रत्येक संस्था के दायरे और शक्तियों को स्पष्ट रूप से और विशेष रूप से परिभाषित किया है और भारतीय लोकतंत्र के सभी तीन विंग यानी विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका भारतीय संविधान की समग्र सर्वोच्चता के साथ अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वोच्च हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संविधान न केवल मौलिक अधिकारों की बल्कि मौलिक कर्तव्यों की भी बात करता है, क्योंकि जहां कहीं अधिकार है वहां एक समान कर्तव्य भी है।

समारोह के आयोजक डॉ. तमन्ना आर सहरावत और डॉ. भरत ने कहा कि भारतीय संविधान डॉ. भीम राव अंबेडकर द्वारा भारत को दिया गया सबसे अच्छा उपहार है और पूरी दुनिया में सबसे अच्छा संविधान है।

डॉ. सुदीपा कौर, सीजेएम खरड़, डॉ. सालिनी शर्मा एडवोकेट और प्रो. देविंदर सिंह अध्यक्ष, कानून विभाग ने भी वेबिनार में हुई चर्चा में भाग लिया और भारतीय संविधान के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।

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