समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 2 दिसंबर। साल 2017 से सत्ता से बेदखल होने के बाद समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने से बाज नहीं आ रहे हैं. इस तरह की बातें करके वे कोई भी मौका चूकना नहीं चाह रहे हैं. पहले जिन्ना के ऊपर दिए बयान को लेकर काफी छीछालेदर हो चुकी है. अब वंशवाद पर दिया गया उनका यह बयान कितना कारगर साबित होता है. यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा. इसके पहले भारतीय जनता पार्टी वंशवाद की राजनीति को लेकर काफी मुखर रही है. लेकिन वो भी दूध की धुली नहीं है. भाजपा में भी कई नेता ऐसे हैं, जिनकी कई पीढ़ियां राजनीति से जुड़ी रही हैं. इसलिए उसके ऊपर भी यह आरोप लगते रहे हैं कि भाजपा भी वंशवाद से अछूती नहीं है. वंशवादी होने का सबसे ज्यादा आरोप कांग्रेस समेत देश की कई बड़ी पार्टियों पर लगता रहा है।
अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के वंशवाद के आरोप का जवाब कुछ इस तरीके से दिया है कि उनके ऊपर फिर से शब्द बाण छोड़े जाएंगे. अबकी बार अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा है कि राजनेताओं ने वंशवाद की राजनीति को काफी धूमिल किया है, लेकिन मैं इस पर यह कहना चाहता हूं कि एक परिवार वाला व्यक्ति ही परिवार के हर सदस्य के दुख-दर्द को महसूस कर सकता है।
बता दें, अपनी चुनावी रथयात्रा के दौरान अखिलेश यादव आज बुंदेलखंड के ललितपुर पहुंचे थे. जहां पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
गौरतलब है कि 2022 के मार्च महीने तक राज्य में फिर से नई सरकार का गठन होना है. इसके लिए विधानसभा की चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं. सभी राजनीतिक दल अपनी सरकार बनाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं. 2012 में मायावती को सत्ता से बेदखल करने के लिए अखिलेश यादव रथयात्रा लेकर निकले थे, जिसमें उन्होंने राज्यभर का दौरा किया था. उस दौरान अखिलेश यादव को सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं था. लेकिन, वे जनता के बीच अपनी बात रखने में कामयाब हो गए थे. राज्य की जनता ने उनके ऊपर भरोसा किया और वे राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने में कामयाब हो गए थे।