समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 दिसंबर। “प्रतिभावान खिलाड़ियों की पेंशन के लिए खेल निधि” योजना के तहत युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय खिलाड़ियों को सेवानिवृत्ति के बाद आजीविका चलाने हेतु मासिक पेंशन के रूप में उन्हें सहायता उपलब्ध करा रहा है। इस योजना के तहत, ऐसे खिलाड़ी जो भारतीय नागरिक हैं और जिन्होंने ओलंपिक खेलों, पैरालंपिक खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों तथा विश्व कप / विश्व चैम्पियनशिप में (ओलंपिक एवं एशियाई खेलों के संबंध में) पदक जीते हैं, तो उन्हें 12,000 से लेकर 20,000 रुपये तक आजीवन मासिक पेंशन 30 वर्ष की आयु प्राप्त करने या फिर सक्रिय खेलों से सेवानिवृत्त होने के पश्चात, जो भी बाद में हो उस हिसाब से दी जाती है। पेंशन का भुगतान भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के माध्यम से किया जाता है, जिसके लिए मंत्रालय एलआईसी को एकमुश्त रकम अदा करके व्यक्तिगत पेंशनभोगियों के लिए वार्षिक पेंशन प्लान खरीदता है।
योजना के तहत वर्तमान में 821 खिलाड़ियों को आजीवन पेंशन मिल रही है।
यह जानकारी युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान पुरुष हॉकी टीम के ऊपर 65 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं
सरकार ने पिछले पांच साल के दौरान पुरुष हॉकी टीम पर 65 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। 2016 -17 से 2020-21 तक अर्थात बीते पांच वर्षों के दौरान सीनियर हॉकी पुरुष टीम पर 45.05 करोड़ रुपये और जूनियर हॉकी पुरुष टीम पर 20.23 करोड़ रुपये कोचिंग कैंप, विदेशी प्रतियोगिताओं, घरेलू प्रतियोगिताओं, कोचों के वेतन, उपकरण आदि पर खर्च किए गए हैं।
इसके अलावा, 2016-17 से खेलो इंडिया योजना के तहत हॉकी के लिए 103.98 करोड़ रुपये की 20 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
यह जानकारी युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।