सहकारिता आंदोलन में एक नए प्राण फूँकने का समय था, उसी वक्त मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाया है- केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19दिसंबर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपनी दो दिन की महाराष्ट्र यात्रा के पहले दिन आज लोणी में पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटील साहित्यसेवा जीवन गौरव पुरस्कार और सहकार परिषद एवं कृषि सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पद्म पुरस्कारों को उनके असली हकदारों तक पहुँचाने के एक नये युग की शुरुआत के तहत श्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में विभिन्न क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट योगदान देने हेतु पद्मश्री से सम्मानित पोपटराव पवार जी व राहीबाई पोपेरे जी को सन्मानित भी किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने शिरडी के साईं धाम में साईं बाबा के दर्शन कर देश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
अमित शाह ने कहा कि आज मेरे लिए बहुत ही हर्ष का दिन है कि जिस भूमि से छत्रपति शिवाजी महाराज ने पूरे देश में स्वराज का नाद बुलंद किया और हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की थी उस पवित्र भूमि पर मैं आप लोगों के सामने उपस्थित हूँ। शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज्य की जो घोषणा और प्राप्ति की उसने सालों साल तक भारत के अंदर स्वराज, स्वधर्म और स्वभाषा तीनों की एक मज़बूत नींव डालने का काम किया, जिस पर आज हमारा देश एक मज़बूत इमारत बनकर खडा है। मैं उनकी पुण्य स्मृति को प्रणाम करना चाहता हूँ। श्री शाह ने कहा कि यह संत ज्ञानेश्वर महाराज की भी भूमि है जिन्होंने ऐसे समय में भक्ति आंदोलन की शुरुआत कि जब देश को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। यह साईं बाबा की भूमि है जिन्होंने श्रद्धा और सबुरी यानी श्रद्धा और धैर्य पूरी दुनिया को सिखाने का काम किया। अपनी कृति से पूरी दुनिया को सर्वधर्म समभाव और विश्व बंधुत्व की भावना समझाने का काम अगर किसी ने किया,तो साईं बाबा ने किया,मैं उनकी पुण्य स्मृति को भी प्रणाम करना चाहता हूँ।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह भूमि पूरे देश में सहकारिता के लिए काशी जितनी पवित्र है क्योंकि इसी भूमि पर पद्मश्री विखे पाटील जी ने सहकारिता की नींव डालने का काम किया। देशभर के सहकारिता आंदोलन के लोगों को एक बार इस भूमि की मिट्टी को माथे पर लगाना चाहिए। उन्होने कहा कि गुजरात में भी बहुत अच्छा सहकारी आंदोलन चला और आज अमूल पूरी दुनिया के अंदर सहकारिता का सबसे सफल मॉडल बन गया है। इस भूमि पर भी पद्मश्री विखे पाटील जी ने एक नई शुरुआत की। सभी लोगों ने कहा कि सहकारी आंदोलन दिक्कत में है, इसको मदद की जरूरत है। सहकारी आंदोलन को मदद देने के लिए ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाया है। आजादी के 75 साल तक किसी को सहकारिता मंत्रालय की सोच तक नहीं आई, श्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के 75 साल बाद आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अंदर सहकारिता मंत्रालय इसलिए बनाया है क्योंकि वे जानते हैं कि सहकारिता आज भी प्रासंगिक है और सबका साथ सबका विकास का मंत्र, केवल और केवल सहकारिता के आधार पर ही सफल हो सकता है। श्री अमित शाह ने कहा कि इस आंदोलन के सभी कार्यकर्ताओं को भी यह देखना पड़ेगा कि हमारे अंदर जो दोष हैं सहकारिता आंदोलन को उनसे मुक्त करने की जिम्मेदारी सहकारिता आंदोलन के साथ जुड़े हम सब कार्यकर्ताओं की है।
श्री अमित शाह ने कहा कि जब सहकारिता मंत्रालय की स्थापना हुई तो काफी लोगों ने यह पूछा कि अब इसकी प्रासंगिकता क्या है, मोदी जी क्या कर रहे हैं, देश को कहां ले जा रहे हैं। मैं आज उन सब को जवाब देने के लिए यहां आया हूं कि देश में चीनी का 31% उत्पादन सहकारी चीनी मिल करती हैं, दूध का लगभग 20% उत्पादन कोऑपरेटिव क्षेत्र करता है, 13% गेहूं और 20% धान की खरीदारी कोऑपरेटिव करते हैं और 25% खाद का निर्माण, उत्पादन और वितरण कोऑपरेटिव के माध्यम से होता है। इफको और कृभको ऐसी कोऑपरेटिव हैं जिनकी स्टडी दुनिया भर में की जाती है। लिज्जत पापड़ एक ऐसी कोऑपरेटिव है जिसकी स्टडी करने दुनिया भर के महिला संगठन आते हैं। अमूल एक ऐसा कोऑपरेटिव है जो 36 लाख बहनों को हर रोज सुबह शाम पैसे देने का काम करता है,यह सहकारिता की सफलता है। श्री शाह ने कहा कि उत्पाद करने, फैक्ट्री लगाने, फैक्ट्री चलाने और मार्केटिंग करने के लिए शायद हमारी आर्थिक क्षमता बहुत कम है मगर हमारी संख्या बहुत बड़ी है। कोऑपरेटिव का मूल मंत्र है कि इसके माध्यम से हम सब एकत्रित हो जाते हैं तो हमारी ताकत इतनी हो जाती है कि किसी के सामने भी लोहा लेने के लिए हम खड़े हो सकते हैं और इसी मंत्र के आधार पर आज तक देश भर में कॉपरेटिव चलाएं हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब से देश में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, चीनी मीलों की समस्याओं की बड़े ढंग से स्टडी की गई और एक के बाद एक समस्याओं को सुलझाया गया। रॉ शुगर पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाने का काम श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया था क्योंकि रॉ शुगर इंपोर्ट करने में हमारे किसी मंत्री का कोई लेन-देन नहीं था। शुगर एक्सपोर्ट को एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का काम मोदी सरकार ने किया और इथेनॉल का उपयोग, उसकी ब्लेंडिंग बढ़ाकर चीनी मिलों को आगे बढ़ाने का काम, इथेनॉल के दाम में बढ़ोतरी करने का काम भी हमारी सरकार ने किया है। मगर इसके पहले ही काफी सारी चीनी मीलें आर्थिक रूप से बदहाल हो गई थी, चार पांच साल ऐसे चले कि वहां तकलीफ खड़ी हो गई, इससे बाहर निकलने के लिए ट्राई पार्टी एग्रीमेंट पेट्रोलियम कंपनियों के साथ किया एस्क्रो (ESCROW) अकाउंट की व्यवस्था की है और थोड़े ही समय में रिजर्व बैंक एस्क्रो क्रेडिट वर्दिनेस देने वाली है जिससे सहकार कारखानों का बहुत बड़ा आर्थिक संकट खत्म होने वाला है।
श्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता की शुरुआत जिन दो तीन राज्यों में हुई उसमें से एक महाराष्ट्र है और आज भी महाराष्ट्र सहकारी आंदोलन में बहुत मजबूत है, इसकी जड़ें बहुत गहरी है। एक संकट का समय आया है, केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को मिलकर महाराष्ट्र के सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने की जरूरत है और मुझे पूरा भरोसा है कि हम इस संकट के समय से बाहर निकलेंगे। उन्होने कहा कि एक बार मोदी जी की ओर से मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेगी, जो भी जरूरी होगा, वह सब हम करेंगे क्योंकि मोदी जी चाहते हैं कि सहकारिता आंदोलन और 50 से100 साल तक इस देश के गरीब, किसान, महिलाओ और युवाओं को समान विकास का मौका दे, समान अवसर प्रदान करें और समान रूप से सब को संबोधित करते हुए पूरे समाज का विकास करें।