समग्र समाचार सेवा
रांची, 22दिसंबर। झारखंड विधानसभा में आज बुधवार को सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायकों ने ही सरकार की घेराबंदी की और उसके फैसलों पर सवाल उठाए. झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन ने सदन में सरकार द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए जहां विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दिया, वहीं इसी पार्टी के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम ने राज्य में शराब बिक्री की नीति पर सवाल उठाते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की।
बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी देर बाद हीजामा विधानसभा क्षेत्र की जेएमएएम विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार पर तख्ती लेकर धरना पर बैठ गईं. उन्होंने कहा कि सीसीएल की आम्रपाली परियोजना में वन भूमि पर अवैध कब्जा और एक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा अवैध तरीके से कोयले की ढुलाई को लेकर सदन में सवाल पूछा तो सरकार की ओर से बताया गया कि वहां कंपनी की ओर से कोई ट्रांसपोर्टिंग नहीं की जा रही है. सच यह है कि वन भूमि पर अतिक्रमण और गलत तरीके से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग की जा रही है. सरकार का जवाब गलत है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा के लिए हमलोग चुनकर आए हैं. यहां के लोगों और आदिवासियों के अधिकार का हनन नहीं होने देंगे।
बाद में स्पीकर रबींद्र नाथ महतो को जब विधायक के धरने पर बैठे रहने की सूचना मिली तो उन्होंने सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल को उन्हें मनाकर सदन में लाने के लिए भेजा. सीता सोरेन ने सदन में भी सीसीएल की परियोजना में वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने की मांग की. बाद में सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए सीता सोरेन ने कहा कि अगर उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह क्षेत्र में जाकर भी धरना देंगी।