लखीमपुर कांड के आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत

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समग्र समाचार सेवा

लखनऊ, 10 फरवरी। लखीमपुर हिंसा केस के मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। आशीष केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे हैं। तीन अक्‍टूबर 2021 को किसानों को गाड़ी से कुचलकर मार डालने के मामले में वह मुख्‍य आरोपी हैं। इस घटना में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई थी।  मिली जानकारी के अनुसार आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दी है। मामले की सुनवाई पहले ही हो चुकी थी। आज कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुनाया है। बताया जा रहा है कि बेल बांड भरने के बाद आशीष को कल जेल से रिहाई मिल सकती है। लखीमपुर हिंसा में आशीष मिश्रा के शामिल होने के आरोपों को गलत बताते हुए शुरू में कई तरह के तर्क दिए गए थे। आशीष मिश्रा और उनके परिवार का कहना था कि घटना के वक्‍त वह वहां थे ही नहीं। हालांकि बाद में एसआईटी जांच में आशीष मिश्रा को मुख्‍य आरोपी बताया गया। 5 हजार पन्‍नों की अपनी चार्जशीट में एसआईटी ने बताया था कि आशीष मिश्रा को घटनास्‍थल पर मौजूद था। एसआईटी ने आशीष को इस केस का मुख्‍य आरोपी बताया था।

उप्र में भाजपा के खिलाफ करेंगे प्रचारितः टिकैत

किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बेल पर कहा कि वह इस बात को यूपी में बीजेपी के खिलाफ प्रचारित करेंगे। उन्होंने गंभीर मामले में जल्दी जमानत मिलने की बात कहकर कहा कि कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती?

ये बेहद गंभीर मामलाः टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा, ”कोर्ट पर क्या कह सकते हैं, बेल दे दी। हमारा तो यह कहना है कि 302 के इतने गंभीर मामले में दूसरे लोगों को भी बेल मिली हो तो ठीक है, नहीं मिली हो तो देख लो।” चुनाव में इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा, ”हां हमारा प्रचार यह रहेगा। क्यों नहीं रहेगा। इतनी जल्दी कौन से तथ्य सामने आ गए, इतनी जल्दी किसी और को जमानत मिलती हो इस तरह के केस में तो देखने वाले तथ्य हैं।”

किसानों के पास इतने बड़े वकील तो हैं नहीं

टिकैत ने कहा कि किसानों के पास इतने बड़े वकील तो हैं नहीं, ये बड़े आदमी हैं, इनके साथ सरकार और वकील खड़ी कर सकती है। तो मिल गई होगी, कोर्ट तो तथ्य के आधार पर चलती है, उस तरह की दलील दी होगी उन्होंने। किसानों की कौन पैरवी करेगी। इनके साथ तो शायद 32 वकील थे। ये तो खड़े कर सकते हैं उस तरह के लोग। अब देखेंगे कि इसमें क्या रहा। वहां जो लोग वहां गए होंगे उनसे जानकारी रहेंगे। यह केस हमेशा हमारा रहेगा। यह संयुक्त मोर्चा और देश का रहेगा, जिस तरह हत्या की गई। किसान लड़ाई लड़ रहा है।”

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