दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन में 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 12 फरवरी। देश के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में दिसंबर 2021 में 0.4 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (आईआईपी) ग्रोथ रेट 10 महीने के निचले स्तर पर रही। नेशनल स्टैटिकल ऑफिस यानी एनएसओ (एनएसओ) ने शुक्रवार को इसके आधिकारिक आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले नवंबर 2021 में आईआईपी ग्रोथ रेट 1.3 फीसदी रही थी।

बिजली प्रोडक्शन में 2.8 फीसदी की वृद्धि

एनएसओ की तरफ से जारी आईआईपी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रोडक्शन 0.1 फीसदी गिर गया। वहीं माइनिंग सेक्टर का प्रोडक्शन 2.6 फीसदी बढ़ गया जबकि बिजली प्रोडक्शन में 2.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। एक साल पहले दिसंबर 2020 में आईआईपी की वृद्धि दर 2.2 फीसदी रही थी. एनएसओ के मुताबिक, अप्रैल-दिसंबर 2021 की अवधि में आईआईपी 15.2 फीसदी बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 13.3 फीसदी बढ़ा था।

कोरोना से प्रभावित हुआ उत्पादन

इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पर कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाई पाबंदियों के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। मार्च 2020 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 18.7 फीसदी गिरा था और अप्रैल 2020 में तो यह 57.3 फीसदी तक लुढ़क गया था।

क्या होता है आईआईपी?

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में खास महत्व होता है। इससे पता चलता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि किस गति से हो रही है। आईआईपी के अनुमान के लिए 15 एजेंसियों से आंकड़े जुटाए जाते हैं। इनमें डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, सेंट्रल स्टेटिस्टिकल आर्गेनाइजेशन और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी शामिल हैं। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा मानकों के मुताबिक किसी उत्पाद के इसमें शामिल किए जाने के लिए प्रमुख शर्त यह है कि वस्तु के उत्पादन के स्तर पर उसके उत्पादन का कुल मूल्य कम से कम 80 करोड़ रुपए होना चाहिए।

दिसंबर 2021           नवंबर 2021           दिसंबर 2020

आईआईपी वृद्धि         0.4 फीसदी            1.3 फीसदी            2.2 फीसदी

खनन                2.6 फीसदी            4.9 फीसदी            -3.0 फीसदी

विनिर्माण              -0.1 फीसदी            0.8 फीसदी            2.7 फीसदी

बिजली                2.8 फीसदी            2.1 फीसदी             5.1 फीसदी

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