समग्र समाचार सेवा
मॉस्को, 14 फरवरी। रूसी हमले के बढ़ते डर के बीच जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज सोमवार को यूक्रेन पहुंचे। स्कॉल्ज के यहां से मास्को जाने की योजना है जहां वह राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को इस मामले में पीछे हटने के लिए समझाने का प्रयास करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रूस इसी सप्ताह हमला कर सकता है।
मॉस्को ने इन योजनाओं से इंकार किया है, लेकिन उसने 1,30,000 से ज्यादा सैनिकों को यूक्रेन की सीमा पर तैनात किया है। वहीं अमेरिका का मानना है कि रूस में थोड़े ही समय में वहां इतनी सैन्य शक्ति जमा कर ली है कि वह कभी भी हमला कर सकता है। किसी भी वक्त युद्ध शुरू होने के डर के बीच कुछ विमानन कंपनियों ने यूक्रेन की राजधानी के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। वहीं नाटो के सदस्य देशों ने रविवार को हथियारों की नयी खेप वहां उतारी है।
अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों से देश (यूक्रेन) छोड़ने को कहा है वहीं वाशिंगटन कीव स्थित अपने दूतावास से अपने ज्यादातर कर्मचारियों को वापस बुला रहा है। काला सागर में रूसी नौसैनिक अभ्यास के मद्देनजर यूक्रेन की हवाई यातायात सुरक्षा एजेंसी यूक्रारोरूक ने एक बयान जारी कर काला सागर के ऊपर के हवाई क्षेत्र को ‘संभावित खतरे का क्षेत्र’ बताया है और विमानों को 14 से 19 फरवरी के बीच वहां से उड़ान नहीं भरने की सलाह दी है।