एमएसएमई क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़, आत्मानिर्भर भारत की ओर यात्रा: जीके रेड्डी

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 23 फरवरी। केंद्रीय पूर्वोत्तर विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने भारतीय उद्योग परिसंघ के ‘नॉर्थ ईस्ट एमएसएमई कॉन्क्लेव: बिल्डिंग कॉम्पिटिटिवनेस फॉर लीवरेजिंग अपॉर्चुनिटीज’ (सीआईआई) में बात की। केंद्रीय मंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में प्रशंसा की, इस बात पर जोर दिया कि एमएसएमई को आत्मानबीर भारत के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ‘अमृत काल’ के अगले 25 वर्षों में एमएसएमई देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

पूर्वोत्तर में एमएसएमई में काफी संभावनाएं

उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर में एमएसएमई में काफी संभावनाएं हैं, चाहे वह कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, खनिज आधारित क्षेत्रों, आईटी, या बुनियादी ढांचे में हो। उनका कहना है कि समावेशी विकास हासिल करने के लिए इस क्षेत्र की विशाल क्षमता का एहसास होना चाहिए।

सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध

केंद्रीय मंत्री ने आगे जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उस दिशा में कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लिए हाल ही में घोषित 1,500 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) उद्योग के लिए फायदेमंद होगी। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है, जिसमें कई नए अवसर पैदा हो रहे हैं, और इन अवसरों का लाभ उठाना महत्वपूर्ण है।

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