समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 फरवरी। हजारों करोड़ का बैंक फ्रॉड कर देश से भागे कारोबारी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से अब तक 18,000 करोड़ रुपए की वसूली की गई है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) से जुड़े 67,000 करोड़ के मामले पेंडिंग है। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
वरिष्ठ वकीलों की विभिन्न पहलुओं पर एचसी के समक्ष दलीलें
सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें पीएमएलए के तहत जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती दी गई है। इस मामले में कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी सहित कई सीनियर वकीलों ने हाल के पीएमएलए संशोधनों के संभावित दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर एचसी के समक्ष दलीलें दी हैं।
केवल 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आज की तारीख में प्रवर्तन निदेशालय 4,700 मामलों की जांच कर रहा है। 2002 में पीएमएलए के लागू होने के बाद से इन अपराधों में केवल 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
33 लाख एफआईआर, लेकिन 2,086 मामलों की ही जांच
तुषार मेहता ने बताया कि पिछले पांच सालों (2016-17 से 2020-21) के दौरान ऐसे अपराधों के लिए 33 लाख FIR दर्ज हुईं लेकिन पीएमएलए के तहत केवल 2,086 मामले जांच के लिए उठाए गए। हालांकि, दूसरे देशों की तुलना में ये काफी कम है। ब्रिटेन में 7900, अमेरिका में 1532, चीन में 4691, ऑस्ट्रिया में 1036, हांगकांग में 1823, बेल्जियम में 1862 और रूस में 2764 मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत सालाना मामले दर्ज किए गए हैं।