समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बात की। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच दोनों शीर्ष नेताओं में यह बातचीत हुई। करीब 25 मिनट की इस बातचीत में पीएम मोदी ने भारत की कई चिंताओं से पुतिन को अवगत कराया। साथ ही अपने भरोसे को दोहराया कि रूस और नाटो समूह के बीच मतभेदों को केवल बातचीत संग सुलझाया जा सकता है। यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया के तमाम देश रूस पर हमलावर हैं। वे रूस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार कर रहे हैं।
पुतिन से भारत की चिंताओं को जाहिर किया
पुतिन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने की अपील की। पीएम मोदी ने राजनयिक वार्ता और बातचीत के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों, विशेषकर छात्रों की सुरक्षा के संबंध में भी भारत की चिंताओं को जाहिर किया।
राष्ट्रपति पुतिन ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी
राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन के संबंध में हाल के घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने अपने लंबे समय से दृढ़ विश्वास को दोहराया कि रूस और नाटो समूह के बीच मतभेदों को केवल बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिक चिंता का विषय
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी चिंता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों, खासतौर से छात्रों की सुरक्षा के संबंध में है। भारत उनकी सुरक्षित वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।
रूसी हमले का दुनियाभर में हो रहा विरोध
यूक्रेन पर हमले का अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के तमाम मुल्कों ने विरोध किया है। उन्होंने रूस के इस कदम की तीखी आलोचना की है। दुनिया की नजर भारत के रुख पर भी है। इसे लेकर भारत पर जबर्दस्त दबाव है। इसके पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस और यूक्रेन के बीच संकट पर कहा था कि पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे भारतीयों को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, वहां विमान उतारने की स्थिति नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत शांति चाहता है। दोनों देशों को बातचीत से हल निकालना चाहिए। युद्ध की स्थिति नहीं होनी चाहिए।