समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 26 फरवरी। केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के मामले में यूपी ने इतिहास रच दिया है। इस पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 8 करोड़ 21 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है। इस संख्या के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक श्रमिक पंजीकरण कराने के मामले में देश में पहले स्थान पर है। केंद्र द्वारा दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष प्रदेश में अब तक 123 फीसदी से ज्यादा पंजीकरण हो चुके हैं।
असंगठित क्षेत्र के कामगारों का डाटा बेस तैयार कर रही सरकार
केंद्र सरकार पहली बार असंगठित क्षेत्र के कामगारों का डाटा बेस तैयार कर रही है। यूपी को 6 करोड़ 66 लाख श्रमिकों का केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने का लक्ष्य दिया गया था। प्रदेश में पहले पंजीकरण की रफ्तार धीमी थी। फिर राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट में पंजीकृत श्रमिकों को 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से मार्च 2022 तक भत्ता देने की घोषणा की थी। इसके बाद तो पंजीकरण की होड़ सी मच गई।
पंजीकरण के मामले में देश में दूसरे पायदान पर बिहार
बेहद तेज गति से हुए पंजीकरणों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 22 दिसंबर 2021 तक पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 3 करोड़ 15 लाख 78 हजार 216 थी। जो कि 26 फरवरी को 08 करोड़ 21 लाख 48 हजार 719 हो चुकी है। कुल पंजीकरण के मामले में देश में दूसरे पायदान पर बिहार और तीसरे पर पश्चिम बंगाल है। वहीं यदि लक्ष्य के सापेक्ष पंजीकरणों की बात करें तो दूसरे स्थान पर ओडिशा और तीसरे पर उत्तराखंड है।
सिर्फ 66 दिन में हुए पांच करोड़ से ज्यादा पंजीकरण
प्रदेश में 22 दिसंबर से 26 फरवरी के बीच महज 66 दिन में पांच करोड़ से ज्यादा श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। इस लिहाज से हर रोज पंजीकरण कराने वालों का औसत 07 लाख 66 हजार से अधिक है। जबकि सर्वाधिक पंजीकरण 21 दिसंबर 2021 को हुए थे। तब एक दिन में 12 लाख 59 हजार 988 लोगों ने पंजीकरण कराया था।
80 लाख श्रमिकों को मिला भत्ता
प्रदेश के 31 दिसंबर तक पंजीकृत श्रमिकों को भत्ता दिए जाने का शासनादेश किया गया था। इसमें उन्हीं श्रमिकों को भत्ता दिया जाना था जो किसान सम्मान निधि का लाभ न ले रहे हों। पात्र करीब 2.88 करोड़ श्रमिकों में से 80 लाख लोगों 1000 रुपये की भत्ते की पहली किस्त दी गई थी। फिर इन्हें 500 रुपये की दूसरी किस्त भी मिल चुकी है। जल्द इनको अगली किस्त भी मिलने की संभावना है।