फिर से डराने लगा कोरोना?  साउथ कोरिया में 3 दिन में 14 लाख केस,  भारत में भी चौथी लहर की आशंका

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्‍ली, 20 मार्च। यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना वायरस  की लहर चिंताजनक रफ्तार से ऊपर जा रही है। दक्षिण पूर्व एशिया की बात करें तो चीन में 14 महीने बाद कोरोना ने दो की जान ली है। हॉन्ग कॉन्ग में कुल केस 10 लाख पार कर गए, जिनमें से 97 फीसदी केस कोरोना की हालिया लहर में बीती फरवरी के बाद सामने आए हैं। वहां यह वायरस अब तक 5,401 जानें ले चुका है, जो चीन में 2019 में इन्फेक्शन फैलने के बाद से अब तक हुई मौतों (4,636) से भी ज्यादा है। भारत में भी चौथी लहर को लेकर भविष्यवाणी हो चुकी है। सबसे ज्यादा चिंता साउथ कोरिया बढ़ा रहा है, जहां कोरोना के कुल मामले 90 लाख पार कर गए हैं। इनमें से 16 यानी 14 लाख से ज्यादा केस तो गुरुवार से शनिवार के बीच तीन दिन में आ गए।

यूरोप में फ्रांस, इंग्‍लैंड और इटली में एक हफ्ते के भीतर मामलों में 30 फीसदी से ज्‍यादा की बढ़त देखी गई है। दुनियाभर में रोज आने वाले कोरोना के मामलों के औसम में पिछले हफ्ते के मुकाबले 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कोरोना के आंकड़ों में यह उछाल ‘टिप ऑफ द आइसबर्ग’ है यानी महामारी जितनी बड़ी दिख रही है, असल में तस्वीर उससे ज्यादा भयावह है। महामारी इतनी जल्द खत्म नहीं होने वाली। हम लोग अभी महामारी के बीच में हैं।

यह धारणा भी गलत है कि ओमिक्रॉन अंतिम वेरिएंट है

ओमिक्रॉन के बीए.2 सब-वेरिएंट के स्‍पाइक प्रोटीन में पाए जाने वाले म्‍यूटेशंस रैपिड पीसीआर टेस्‍ट में पकड़ में नहीं आते। चिंता यह भी है बीए.1 और बीए.2 मिलकर नया रूप बना सकते हैं। इस्राइल में ऐसे दो मामले आ चुके हैं। सबसे बड़ी गलत सूचना यह है कि ‘ओमीक्रोन हल्का है’। यह धारणा भी गलत है कि यह अंतिम वेरिएंट है। ध्यान रखें कि महामारी खत्म नहीं हुई है। कोरोना की चपेट में ऐसे लोग ज्यादा आ रहा हैं, जिन्हें पूरी तरीके से टीके नहीं लगे हैं।

केंद्र ने राज्यों से कहासर्दी-जुकाम पर नजर रखें  

भारत में शनिवार को 2,075 केस आए और 71 मौतें दर्ज की गईं। इस दौरान 3,383 लोग ठीक हुए और ऐक्टिव केस घटकर 27,802 रह गए हैं, जो कुल 4.30 करोड़ मामलों का 0.06 फीसदी हैं। द. पू. एशिया और यूरोप की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि वे सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों पर नजर रखें। साथ ही, जीनोम सिक्वेंसिंग पर भी जोर दें।

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