कॉर्पोरेट और सरकारी क्षेत्र के बीच की खाई तेजी से कम हो रही है और आज की नई कार्य प्रणाली में उन्नत कौशल की आवश्यकता हैः डॉ. जितेंद्र सिंह

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23मार्च। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री:स्वतंत्र प्रभारः पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री:स्वतंत्र प्रभारः पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसी विशेष कार्य के लिए विशेषज्ञता वाले सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को शामिल करने के लिए लेटरल एंट्री नियुक्तियों को सुव्यवस्थित किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि पिछली सरकारों द्वारा भी लेटरल नियुक्तियां की गई थीं और कुछ सबसे प्रसिद्ध लेटरल नियुक्तियों में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह शामिल हैं, जिन्हें 1972 में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, मोदी सरकार ने यूपीएससी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को संचालित करने और चयन के लिए एक मानदंड तय करके इस प्रक्रिया को संस्थागत बनाने की कोशिश की है जो निष्पक्ष, पारदर्शी और विशुद्ध रूप से योग्यता सह अनुभव आधारित हो।

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली में 15 दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम के दौरान संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर भारत सरकार में लेटरल एंट्री पाने वाने 30 अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए, मंत्री ने कहा कि ऐसी नियुक्तियों का अंतिम लक्ष्य विकल्प के व्यापक पूल से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का चयन करना है क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई विभिन्न प्रमुख योजनाओं में नए कौशल और विशेषज्ञता वाले लोगों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को दुनिया में अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह जो आईआईपीए कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष भी हैं, ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को सुझाव दिया कि जवाबदेही, पारदर्शिता और नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण भारत सरकार के साथ उनके कार्यकाल की पहचान होनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कॉरपोरेट और सरकारी क्षेत्र के बीच की खाई तेजी से कम हो रही है और आज के नए कार्य दृष्टिकोण प्रणाली में उन्नत कौशल की आवश्यकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चूंकि दुनिया में भारत का कद बढ़ रहा है, इसलिए प्रवेशकर्ता इस महान अवसर का सर्वोत्तम उपयोग राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज के प्रयास अगले 25 वर्षों में भारत को विश्व गुरु बना सकते हैं, जब देश की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे।
लेटरल एंट्री पाने वाले 30 अधिकारियों में तीन संयुक्त सचिव, 18 निदेशक और नौ उप सचिव शामिल हैं, जो भारत सरकार के 21 मंत्रालयों/विभागों में नियुक्त हुए हैं।

आईआईपीए के महानिदेशक श्री एस एन त्रिपाठी, आईआईपीए के रजिस्ट्रार श्री अमिताभ रंजन और डीओपीटी में अतिरिक्त सचिव श्रीमती रश्मि चौधरी सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में मौजूद थे।

 

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