समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 26 मार्च। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सूरजपुर जिले के पंडो नगर में बने राष्ट्रपति भवन का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बड़े गर्व की बात है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति ने गांव के इस छोटे से भवन में रात्रि विश्राम कर अति पिछड़े जनजातीय समुदाय से भेंट की और उन्हें अपना दत्तक पुत्र होने की घोषणा की थी।
भवन के इतिहास की विस्तारपूर्वक जानकारी ली
राज्यपाल ने पूरे परिसर का भ्रमण कर भवन के ऐतिहासिक महत्व के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को इसके बेहतर रख-रखाव के निर्देश भी दिए। इस दौरान उन्होंने गांव के पीएटी में चयनित पंडो जनजाति के 3 विद्यार्थियों सहित पंडो जनजाति के वरिष्ठ सदस्यों एवं पदाधिकारियों का सम्मान कर उनकी हौसला अफजाई की।
आम और कटहल का पौधा रोपित किया
तत्पश्चात् राज्यपाल उइके ने इसके परिसर में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए आम और कटहल का पौधा रोपित किया। उन्होंने ग्राम वासियों से पेड़-पौधे व वन संरक्षण का भी आग्रह किया। इस अवसर पर सरगुजा कमिश्नर जी.आर. चुरेंद्र, सूरजपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, एसपी राजेश अग्रवाल, विशेष पिछड़ी जनजाति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उदय कुमार पण्डो, समाज के प्रदेश सचिव देवचंद पण्डो सहित समाज के जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
विशेष पिछड़ी जनजाति कल्याण समिति के कार्यक्रम में शामिल हुईं
राज्यपाल अनुसुईया उइके अपने दो दिवसीय सरगुजा प्रवास के दौरान आज सूरजपुर जिले के पण्डोनगर पहुंची। पण्डोनगर पहुंचने पर विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो समुदाय द्वारा परंपरागत ढंग से राज्यपाल उइके का स्वागत किया गया। कार्यक्रम स्थल पहुंच राज्यपाल आदिवासी महिलाओं को कर्मा नृत्य करते देख खुद को रोक नहीं पाई और मांदर की थाप पर महिलाओं के साथ थिरकने लगी। इस दौरान राज्यपाल ने पण्डो जनजाति समुदाय को प्रदाय किए गए नवीन एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
आदिवासी ईमानदार और भोले-भाले होते हैं
राज्यपाल उइके ने सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पण्डो जैसे अत्यंत पिछड़ी जनजाति को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने दत्तक पुत्र के रूप में स्वीकार किया और उनके विकास के लिए हर संभव प्रयास किए। उन्होंने कहा कि आदिवासी ईमानदार और भोले-भाले होते हैं, इसी कारण उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। हमें शिक्षित और जागरूक होने की जरूरत है, तभी हमारा विकास संभव है। राज्यपाल ने कहा कि शासन-प्रशासन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए तमाम कोशिशें कर रही है, किंतु आपकी अज्ञानता शोषण का कारण बन रही है। झाड़-फूंक और अंधविश्वास से ऊपर उठकर बीमार होने पर नजदीकी चिकित्सालय में जाकर इलाज कराएं।
राज्यपाल ने नवीन एंबुलेंस को दिखाई हरी झंडी
राज्यपाल ने विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय की मांग पर स्वेच्छा अनुदान से नवीन एंबुलेंस प्रदान करते हुए उसे हरी झंडी दिखाई। इस एंबुलेंस में चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के साथ निशुल्क दवाओं की भी सुविधा ग्रामीणों को मिल सकेगी। एंबुलेंस के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा।
करमा नृत्य पर थिरकी राज्यपाल
कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल के सम्मान में आदिवासी महिलाओं द्वारा परंपरागत करमा नृत्य की प्रस्तुती दी गई। आदिवासी महिलाओं को थिरकते देख राज्यपाल खुद को नहीं रोक पाई और महिलाओं के साथ मांदर की थाप पर जमकर थिरकी।
तीर धनुष से किया सम्मानित
कार्यक्रम के अंत में पंडो समाज के लोगों ने मंच पर राज्यपाल को आदिवासी समाज के संस्कृति का प्रतीक तीर धनुष भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सरगुजा कमिश्नर जी.आर. चुरेंद्र, सूरजपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, एसपी श्री राजेश अग्रवाल, विशेष पिछड़ी जनजाति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उदय कुमार पण्डो समेत प्रदेश भर के विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।