पंजाब विधानसभा में केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव पारित, चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने का विरोध
समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 1 अप्रैल। पंजाब विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र हुआ। इस विशेष सत्र में अन्य मुद्दों पर चर्चा के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा कानून लागू करने के विरोध में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बहस के दौरान अधिकतर सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद अब मुख्यमंत्री भगवंत मान बहस का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम दमनकारी है। इस प्रस्ताव को सदन में सर्वसम्मति पारित किया जाए।
सीएम भगवंत मान ने केंद्र सरकार के साथ-साथ कांग्रेस पर निशाना साधा
मान ने कहा कि उनके द्वारा पेश प्रस्ताव पर अपना मत रखने के लिए सभी सदस्यों का धन्यवाद है। केंद्र ने इस कदम से पंजाब के अधिकारों पर चोट की है। इसके साथ ही भगवंत मान ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने इशारों में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कांग्रेस विधायकों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आपके समय में सरकार के दरवाजे साढ़े चार साल तक नहीं खुले। प्रताप सिंह बाजवा से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा, आपने चिट्टी बहुत लिखी, लेकिन वह दरवाजे के नीचे से गए और फिर डस्टबिन में जाते रहे।
कांग्रेस के राणा गुरजीत सिंह और अन्य कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया
जब भगवंत मान बोल रहे थे तो कांग्रेस के राणा गुरजीत सिंह और अन्य कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया। इस पर आप विधायकों व कांग्रेस विधायकों के बीच कहासुनी हुई। इस दौरान राणा इंद्र प्रताप सिंह को स्पीकर ने हंगामा करने पर सदन से नेम कर दिया। वह निर्दलीय विधायक हैं और उनका विधानसभा में आज पहला ही दिन है। वह कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह के बेटे हैं। स्पीकर के कहने पर वह सदन से नहीं गए तो मार्शल ने उन्हें बाहर निकाल दिया। उन्होंने आज ही विधायक पद की शपथ ली थी। वह अपने हल्के से संबंधित मुद्दा उठाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू करना पंजाब पुनर्गठन एक्ट का उल्लंघन है। इसलिए केंद्र सरकार इस आदेश को तुरंत वापस ले।
सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ पंजाब को देने की भी मांग की
इसके साथ ही भगवंत मान ने बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) में पहले वाली स्थिति बहाल करने की मांग का भी प्रस्ताव पेश किया। इसके साथ ही सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ पंजाब को देने की भी मांग की। नवजोत सिद्धू और बिक्रम मजीठिया को हराने वाली जीवन जोत कौर ने केंद्र के फैसले को फेडरल ढांचे पर हमला बताया। कहा कि भगवंत मान ने सही समय पहले विशेष सेशन बुलाया। भाजपा ने प्रस्ताव का विरोध किया।
बीबीएमबी में भी पहले वाली स्थिति बहाल करने के लिए भी प्रस्ताव पेश किया गया
चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा कानून लागू करने के खिलाफ पेश प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। कांग्रेस के विधायकों ने भी भगवंत मान द्वारा पेश प्रस्ताव का समर्थन किया है। कांग्रेस के सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि केंंद्र सरकार का यह कदम गलत है और पंजाब सरकार इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे। सभी इस पर एकजुट होकर संघर्ष करें। सुखपाल खैहरा ने कहा कि सभी 117 विधायकों को प्रधानमंत्री के घर के सामने धरना देना चाहिए।
प्रताप सिंह बाजवा और वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा में हुई तीखी बहस
विधानसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा की बात का विरोध किया। चीमा ने पिछली सरकार पर हमला किया था और कहा कि किसी कांग्रेस सांसद ने भी पंजाब के मुद्दों को नहीं उठाया । इस पर सदन में शोर शराबा हो गया। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने सीएम भगवंत मान द्वारा पेश प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब की बाजू मरोड़ने के लिए आरडीएफ बंद कर दिया है। पूर्व की पंजाब सरकारों ने केंद्र को यह मौका दिया था क्योंकि उन्होंने आरडीएफ का सही उपयोग नहीं किया।