लोकसभा: अपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पास, शाह बोले-आंतरिक सुरक्षा हमारा मकसद

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। पुलिस को बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करने की अनुमति देने वाला विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है। सदन ने सोमवार को अपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले बिल पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक लाने के पीछे सरकार की मंशा देश की कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। मसौदा कानून में इसका ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में अपराधियों के साथ-साथ अपराधों के आरोपी व्यक्तियों के बायोमेट्रिक डेटा लेने के लिए पुलिस को कानूनी मंजूरी प्रदान करने का प्रयास किया गया है।

गृहमंत्री ने लोकसभा में क्या दी जानकारी

अपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि विधेयक के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार एक मॉडल जेल मैनुअल भी तैयार कर रही है जिसे राज्यों को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल को भेजने से बहुत सारी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। इसमें कैदियों के पुनर्वास, उन्हें फिर से मुख्यधारा का हिस्सा बनाने, जेल अधिकारियों के अधिकारों को सीमित करने, अनुशासन बनाए रखने, सुरक्षा जैसे विषयों से संबंधित विभिन्न प्रावधान हैं। साथ ही इसमें  महिलाओं के लिए अलग जेल और खुली जेल बनाने की बात भी कही गई है।

यह विधेयक कैदियों की पहचान अधिनियम1920 की जगह लेगा

उन्होंने कहा कि यह विधेयक कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा। मौजूदा कानून मौजूदा स्थिति, विज्ञान, अदालतों में अपराध साबित करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मजबूत करने जैसे विभिन्न दृष्टिकोणों को देखते हुए अप्रासंगिक हो गया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल वर्तमान कानून के तहत आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा बल्कि साक्ष्य एकत्र करने को भी ताकत देगा।

विधेयक पेश करते समय विपक्ष ने किया भारी विरोध

विधेयक पेश किए जाने के समय सदस्यों ने इसका बहुत विरोध व्यक्त किया। इस पर अमित शाह ने कहा कि उनके द्वारा मानव और व्यक्तिगत अधिकारों के दृष्टिकोण से चिंता व्यक्त की गई थी।उन्होंने कहा कि उनकी चिंताएं जायज हैं लेकिन इस बिल में उनका पहले से ही जिक्र किया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि 1980 में तत्कालीन विधि आयोग ने भी वर्तमान कानून पर फिर से विचार करने की सिफारिश की थी। अमित शाह ने कहा कि सत्ता में आने के बाद, हमने राज्यों के साथ इसको लेकर चर्चा की थी और इस पर विचार मांगे थे।

क्या है इस बिल में

इस बिल में गिरफ्तार किए गए किसी व्यक्ति के निजी बायोलॉजिकल डाटा इकट्ठा करने की छूट देता है।  इसमें पुलिस को अंगुलियों, पैरों, हथेलियों के निशान, रेटिना स्कैन, भौतिक, जैविक नमूने और उनके विश्लेषण, हस्ताक्षर, लिखावट या अन्य तरह का डाटा एकत्र करने की छूट होगी। विरोधी दल इसे सरकार की जरूरत से ज्यादा निगरानी और निजता का हनन बता रहे हैं। अगर ये बिल कानून का रूप लेता है तो ये  कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा। मौजूदा कानून केवल ऐसे कैदियों की सीमित जानकारी एकत्र करने की बात कहता है जो या तो दोषी करार हो चुके हैं या फिर सजा काट रहे हैं। इसमें भी केवल उंगलियों के निशान और पदचिह्न ही लिया जा सकता है।

पीयूष गोयल के खिलाफ दोनों सदनों में विशेषाधिकार हनन का नोटिस

टीआरएस के सांसदों ने सोमवार को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल के खिलाफ राज्यसभा और लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। टीआरएस सांसदों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री ने उबले हुए चावलों के निर्यात के मुद्दे पर सदन को गुमराह किया है।

तेल-गैस कीमतों पर राज्यसभा ठपलोकसभा से वाकआउट

पेट्रो उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा की मांग खारिज होने पर विपक्ष ने सोमवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। इससे सदन की कार्यवाही पहले दो बार और फिर मंगलवार तक स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में भी नारेबाजी के बाद विपक्ष ने बहिर्गमन किया।

नियम 267 के नोटिस पर अन्य काम रोककर चर्चा कराई जाएः विपक्ष

विपक्ष की मांग थी कि नियम 267 के नोटिस पर अन्य काम रोककर चर्चा कराई जाए, लेकिन सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत चर्चा की मांग सही नहीं है, इसलिए इसे स्वीकार करने का सवाल नहीं उठता है। शून्यकाल में आपको बात कहने का मौका दिया जाएगा। उधर, लोकसभा में भी इस मुद्दे पर नारेबाजी के बाद कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना ने बहिर्गमन किया। शून्यकाल में द्रमुक समेत विपक्षी दलों के सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। इसके बावजूद जब आसन पर मौजूद राजेंद्र अग्रवाल सदन को चलाना जारी रखा तो कांग्रेस सहित विपक्षी सदन से निकल गए।

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