समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पूर्व लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच चीन अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। गुरुवार को चीन हैकरों ने लद्दाख के आसपास के इलाकों में पॉवर ग्रिड के इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम को हैक करने की कोशिश की। केंद्र सरकार ने भी इस बात की पुष्टि की है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि चीनी हैकरों की ओर से लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के दो प्रयास किए गए लेकिन सफल नहीं हुए।
हमने अपनी रक्षा प्रणाली को पहले ही मजबूत कर लिया
आरके सिंह ने आगे कहा कि ऐसे साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए हमने अपनी रक्षा प्रणाली को पहले ही मजबूत कर लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब हैकिंग का प्रयास किया गया है। इससे पहले जनवरी और फरवरी में भी ऐसे प्रयास हुए थे। हमने 2018 में ही साइबर सिक्योरिटी को काफी मजबूत किया है। ऐसी कोशिश सफल नहीं होगी।
अमेरिका स्थित एक साइबर सिक्योरिटी ग्रुप ने किया ये दावा
वहीं, अमेरिका स्थित एक साइबर सिक्योरिटी ग्रुप ने दावा किया है कि एक बड़े साइबर जासूसी अभियान में, चीनी सरकार से जुड़े साइबर ग्रुपों ने उत्तर भारत में कम से कम साथ भारतीय स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर को निशाना बनाया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका स्थित रिकॉर्डेड फ्यूचर ग्रुप ने कहा है कि ये स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर उत्तर भारत में रियल टाइम ऑपरेशन के जरिए बिजली कंट्रोल और डिस्पैच में अहम भूमिका निभाते हैं।
लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीम के आसपास के इलाके टारगेट पर
रिसर्चरों की टीम ने बताया है कि हैकरों ने भौगोलिक रूप से उत्तर भारत के उन इलाकों को टारगेट किया था जो कि लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीम के आसपास के हैं। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई सटीक स्थान का नाम नहीं बताया। रिसर्चरों के ग्रुप एक मैप भी जारी किया है जिसमें यह बताया है कि चीन हैकरों के निशाने पर कौन-कौन से इलाके थे।