प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने मानवाधिकार आयोग से किया आग्रह, पत्रकारों के साथ हुए अत्याचार पर करें सख्त कार्यवाही
सच बोलने पर पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, कपड़े उतारे जा रहे हैं, अपमानित किया जा रहा है और प्रताड़ित किया जा रहा है- पीसीआई
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अप्रैल। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) और भारतीय महिला प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने एक बयान जारी कर “मध्य प्रदेश के सीधी के पुलिस स्टेशन में स्थानीय पत्रकार के साथ किए गए अत्याचारों की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से पत्रकारों और समाज के नागरिकों पर अत्याचारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का आग्रह किया है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने कहा है कि एमपी के सीधी जिले में के एक पुलिस स्टेशन में पत्रकारों, थिएटर कलाकारों और अन्य नागरिकों को निर्वस्त्र कर नग्न परेड कराने की कड़ी निंदा करते हैं। यह एक अक्षम्य अपराध से कम नहीं है।” पुलिस के द्वारा पत्रकारों के साथ की गई यह घटना शर्मनाक है और हम इसकी कड़ी आलोचना करते है। उससे भी ज्यादा शर्मनाक है कि मध्य प्रदेश पुलिस इस घटना पर माफी ना मांग कर यह कह रहे है वे व्यक्ति पत्रकार नहीं थे। पीसीआई ने कहा है कि संविधान में किसी भी व्यक्ति के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत किए जाने की अनुमति नहीं है, वे चाहे जो भी हों। मानवाधिकार संगठन को इस घटना पर जल्द संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की ज्यादातर घटनाएं मुख्य रूप से भाजपा शासित राज्यों में हो रही हैं।
इसने आगे कहा, “गिरफ्तार व्यक्ति पत्रकार थे या नहीं, या फिर वे बस आम नागरिक थे। यहां तक कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता में भी कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि गिरफ्तार व्यक्तियों को पूरे सार्वजनिक कर नंगा और अपमानित किया जा सकता है और उनकी नग्न तस्वीरें डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाई जा सकती है। इमरजेंसी के समय भी पत्रकारों के साथ ऐसी शर्मनाक हरकतें नहीं की गई थीं।
बयान में कहा गया है, “हम मांग करते हैं कि पत्रकारों को रिहा किया जाए और उन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मानसिक पीड़ा और शारीरिक उत्पीड़न के लिए मुआवजा दिया जाए। हम सरकार के आलोचकों को परेशान करने और डराने-धमकाने के लिए लुकआउट सर्कुलर के दुरुपयोग की भी निंदा करते हैं।
हम इस बात की भी निंदा करते है कि सरकार के आलोचक आकार पटेल को भी परेशान करने के लिए विदेश यात्रा पर जाने पर लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया।
पीसीआई ने “राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग” से पत्रकारों और समाज के लोगों पर ऐसे अत्याचारों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया।