प्रकृति की पूजा करना हमारी परंपराओं और देश की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है: जी. किशन रेड्डी

 जी.किशन रेड्डी ने विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर दिल्ली की बावली पर फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19अप्रैल। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के पुराना किला में आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में दिल्ली की बावलियों पर “ऐब्सेन्ट अपीयरेंस- ए शिफ्टिंग स्कोर ऑफ वाटर बॉडीज़ ” पर फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस मौके पर संस्कृति मंत्रालय और एएसआई के अधिकारी भी मौजूद थे।
विश्व धरोहर दिवस को स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है और इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत की विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। विश्व धरोहर दिवस 2022 का विषय “धरोहर और जलवायु” है।
रेड्डी ने कहा, “प्रकृति की पूजा करना हमारी परंपराओं और देश की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। आज हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है क्योंकि पूरी दुनिया की नजर भारत की ओर है जो जलवायु परिवर्तन और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने से संबंधित समस्याओं को हल करने के तरीके दे सकता है। वर्तमान में भारत यूनेस्को की “विश्व धरोहर समिति” का सदस्य है। भारत में 40 विश्व धरोहर स्थल हैं जिनमें से 32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक स्थल और एक मिश्रित श्रेणी के हैं। इनमें से 24 स्मारक और पुरातात्विक स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित हैं। 2021 की विश्व धरोहर की सूची में काकतीय शैली से 13वीं शताब्दी में निर्मित सुंदर वास्तुशिल्पीय चमत्कार “रामप्पा मंदिर” और प्राचीन हड़प्पा शहर धोलावीरा शामिल किये गये । इसके अलावा, 49 स्थलों को संभावित की सूची में शामिल किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री ने भारत से ले जाई गईं हमारी धरोहरों जैसे मूर्तियों को वापस लाने में प्रधान मंत्री द्वारा किये गए प्रयासों और नेतृत्व के बारे में भी बताया “आज दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लगभग 228 धरोहर वस्तुएं भारत को वापस कर दी गई हैं। 2014 से पहले,ऐसी सिर्फ 13 वस्तुएं को वापस किया गया था।”

केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “हमारे पूर्वजों ने हमें महान धरोहर दी है जो दुनिया की सबसे पुरानी विरासतों में से एक है। आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस धरोहर को अपनी आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाएं। हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महापुरुषों के सपनों को पूरा करने के लिए विकास और विरासत दोनों के लिए काम किया है।”

श्री रेड्डी ने कहा, “श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार कई पहल कर रही है और जलवायु को बचाने की दिशा में काम कर रही है। हम अक्षय ऊर्जा, हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों, जैविक खेती के इस्तेमाल की तरफ बढ़ रहे हैं और कई पहलों जैसे स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन पर काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य सतत विकास और हमारे नागरिकों के जीवन के लिये बेहतर स्थितियों को बढ़ावा देना है।”

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