समग्र समाचार सेवा
किश्तवाड़, 20 अप्रैल। सेना ने जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में छात्रु क्षेत्र के जाला गांव में आपरेशन इंसानियत के तहत दरिया पर पैदल पुल का निर्माण कर गांव वालों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। इससे लोग आसानी से दरिया पार कर सकेंगे। अब उनकी जान को खतरा नहीं होगा। इस पुल के निर्माण से आसपास के आधा दर्जन और गांवों का आवागमन सुगम होगा। उन्हें छात्रु जाने के लिए चार से पांच किलोमीटर की दूरी कम तक करनी पड़ेगी।
दो पेड़ों के ऊपर से गांव वालों को गुजरना पड़ता था
पहले इस ननकून दरिया को पार करने के लिए जान जोखिम में डालकर दरिया में डाले गए दो पेड़ों के ऊपर से गांव वालों को गुजरना पड़ता था। चाहे वह महिलाएं हों, बच्चे हों या बड़े-बूढ़े, या फिर मवेशी सभी को दरिया पार करने में मुश्किलें आती थीं। किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव वालों की सुध नहीं ली और उनकी इस परेशानी की तरफ ध्यान नहीं दिया। हाल ही में जाला गांव का एक लड़का दरिया में डाले गए पेड़ों के सहारे उसे पार करते समय नीचे पानी में गिर गया था, जिसे किसी तरह बचाया गया।
ग्रामीणों ने सेना की 11 राष्ट्रीय राइफल से भी संपर्क किया
ग्रामीणों ने मदद के लिए छात्रु इलाके में स्थित सेना की 11 राष्ट्रीय राइफल से भी संपर्क किया। जब सेना को यह जानकारी मिली कि गांव के लोग बड़ी परेशानी से दरिया पार कर गांव से बाहर जा पाते हैं और वापस अपने घरों में पहुंचते हैं तो वहां पर पैदल पुल बनाने का बीड़ा उठाया। सेना ने गांव में एक सप्ताह के अंदर इंसानियत ब्रिज नाम से एक लोहे के पैदल पुल का निर्माण कर दिया।
45 फीट लंबा और तीन फीट चौड़ा लोहे का पैदल पुल बनाया
सेना की 11 राष्ट्रीय राइफल ने लोगों के लिए 45 फीट लंबा और तीन फीट चौड़ा लोहे का पैदल पुल बनाया है। पुल पांच-छह व्यक्तियों के भार को सहन करने के लिए पर्याप्त मजबूत है। इसका प्रयोग मवेशियों की आवाजाही के लिए भी किया जा सकता है। सेना की इस पहल ने जनता से रिश्ता और मजबूत किया है। इस पैदल पुल का उद्घाटन सोमवार को 9 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडर ब्रिगेडियर प्रणब मिश्रा ने प्रशासनिक अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों और क्षेत्र के लोगों की उपस्थिति में किया।