समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 21 अप्रैल। विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद दोबारा सत्ता में आने के बाद योगी सरकार एक्शन में दिखाई दे रही हैं। इसी कड़ी में योगी सरकार जल ही नई ट्रांसफर नीति लागू करने वाली है। नई नीति के तहत अधिकतर ट्रान्सफर ऑनलाइन किए जाएंगे। वहीं तबादले के दौरान अच्छा काम करने वालों को मेरिट के आधार पर मनचाहे जिलों में तैनात किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन उनसे ऑप्शन लिया जाएगा।
3 साल से एक ही जिले में तैनात कर्मचारी इस दायरे में आएंगे
3 साल से एक ही जिले में तैनात कर्मचारी इस दायरे में आएंगे। बताया जा रहा है कि कार्मिक विभाग ने नई तबादला नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे यूपी में लागू कर दिया जाएगा।
हर साल नई तबादला नीति लाई जाती
बता दें राज्य सरकार की तरफ से हर साल नई तबादला नीति लाई जाती है। इसके लिए मानव संपदा पोर्टल पर अधिकारियों व कर्मचारियों का ब्योरा सभी विभागों के माध्यम से ऑनलाइन कराया जा रहा है। नई तबादला नीति के प्रस्ताव के तहत समूह ‘क’ व ‘ख’ के ऐसे अधिकारी जो अपने सेवाकाल में तीन साल से एक ही जिले व मंडल में सात साल पूरे कर चुके हैं, वह इसके दायरे में होंगे। समूह ‘क’ के अधिकारियों को गृह मंडल व समूह ‘ख’ के अधिकारियों को गृह जिलो में तैनात नहीं करने का भी प्रस्ताव है। स्थानांतरित अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 20 फीसदी तक ही रखने की योजना है।
यूपी में नया स्थानांतरण सत्र शुरू हो चुका
बता दें कि यूपी में नया स्थानांतरण सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक नई तबादला नीति लागू नहीं की जा सकी है। योगी सरकार ने पहले कार्यकाल में 29 मार्च 2018 को 2018-19 से 2021-22 के लिए तबादला नीति लागू की थी। इसके तहत 31 मई तक तबादले करने की व्यवस्था थी। इसके बाद विभागाध्यक्ष, शासन, मंत्री या फिर मुख्यमंत्री के आदेश पर ट्रांसफर की व्यवस्था की गई थी।