समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 22 अप्रैल। राजस्थान का सबसे चर्चित बाघ एसटी-6 हमेशा-हमेशा के लिये खामोश हो गया है। सरिस्का टाइगर रिजर्व में टाइगर एसटी-6 ने अंतिम सांस ली। टाइगर एसटी-6 दो साल से बीमारी की वजह से एनक्लोजर में बंद था। पूंछ पर घाव के कारण बाघ ने 3 दिन से खाना छोड़ दिया था। बीमारी की वजह से मंगलवार को एसटी-6 की मौत हो गयी। सारिस्का टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने टाइगर का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया और फिर उसका दाह संस्कार कर दिया। टाइगर एसटी-6 की मौत से वन विभाग के अधिकारी भी गमजदां हैं।
सरिस्का वन अभ्यारण्य में कुल 26 बाघ बाघिन मौजूद
सरिस्का वन अभ्यारण्य में कुल 26 बाघ बाघिन मौजूद हैं। बाघ एसटी-6 की उम्र करीब 16 साल बताई जा रही है। इस बाघ का जन्म रणथम्भौर में हुआ था। उसके बाद ये बाघ रणथम्भौर से बाहर निकल कर यूपी के मथुरा तक जा पहुंचा था। फिर वापस भरतपुर के घना के जंगलों में आ गया था। फिर इसे 2010 में घना से अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया था। पिछले 12 साल से ये बाघ सारिस्का की रौनक बना रहा। यहां पर्यटकों को सबसे ज्यादा साइटिंग इसी बाघ ने दी।
तीन दिनों से इस बाघ ने खाना नहीं खाया था
पिछले काफी दिनों से पूंछ के पास घाव के चलते इसे एनक्लोजर में रखा गया था। उसके खाने पीने की व्यवस्था भी एनक्लोजर में ही की जा रही थी। फरवरी 2020 से बंद उम्रदराज बाघ एसटी-6 का लंबे समय तक इलाज चला। डॉक्टर के इलाज के बावजूद बाघ फिर खुले जंगल में छोड़े जाने के लिए फिट नहीं हो पाया। तब से ही इसे सारिस्का में बने 2 हेक्टेयर के एनक्लोजर ने रखा गया था। सरिस्का के वनाधिकारियों की तरफ से उसके खाने और पानी की व्यवस्था की जाती थी। सरिस्का के डीसीएफ सुदर्शन शर्मा के मुताबिक तीन दिनों से इस बाघ ने खाना नहीं खाया था। इसके चलते वो काफी कमजोर हो गया था।
टाइगर एसटी–6 ने वनाधिकारी पर कर दिया था हमला
बाघ एसटी-6 का जन्म रणथंभौर में हुआ था। इस बाघ की मां बाघिन टी-5 थी। लेकिन तब इस बाघ ने इलाके में दूसरे दबंग बाघों के दबाव के चलते रणथंभौर से बाहर गावों का रुख करना शुरू कर दिया था। ऐसे ही एक दिन ये बाघ भूरी पहाड़ी गांव जा पहुंचा। वहां हजारों लोगों की भीड़ के बीच इस घबराये हुए बाघ ने वनाधिकारी दौलत सिंह शक्तावत पर हमला कर दिया था। बाद में दौलत सिंह शक्तावत के लिए खास तौर पर हेलीकॉप्टर भेज कर उन्हें तुरंत जयपुर के एसएमएस अस्पताल लाकर जान बचाई गयी थी।