केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुमित्रा महाजन के राजनीतिक जीवन की प्रेरक कहानी पर आधारित पुस्तक ‘ताई’ का किया विमोचन
समग्र समाचार सेवा
इंदौर, 6 मई। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर के लाभ मंडपम हॉल में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पर आधारित पुस्तक ‘ताई’ का विमोचन किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुमित्रा महाजन की तहे दिल से तारीफ की।
गडकरी ने कहा, ताई का राजनीतिक सफर न केवल युवाओं के लिए बल्कि हमारी पूरी पार्टी (भाजपा) के लिए प्रेरणा है। उन्होंने ताई को मूल्य आधारित राजनीति करने वाली मेहनती बताया।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट और पुस्तक की लेखिका मेघा किरीट मौजूद रहीं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि लोग इस किताब से प्रेरणा लेंगे। मंत्री बने पूर्व मंत्री, सांसद बने पूर्व सांसद, विधायक बने पूर्व विधायक, लेकिन ताई कभी पूर्व नहीं होंगीं।
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक श्रमिकों को दूरदृष्टि देगी।
नितिन गडकरी ने कहा कि ताई ने हमेशा ईमानदारी और सच्चाई से राजनीति की जिसके लिए जनता ने उन्हें स्वीकार किया और उन्हें लगातार आठ बार सांसद चुना।
नितिन गडकरी ने कहा कि ‘ताई’ आज सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, लेकिन उनका मार्गदर्शन हमेशा रहेगा।
बता दें कि इंदौर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा व अन्य के साथ सुमित्रा महाजन की राजनीतिक यात्रा पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया, इस दौरान बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोग और प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
मेधा किरीट सोमैया द्वारा लिखित, यह पुस्तक सुमित्रा ‘ताई’ महाजन के राजनीतिक जीवन के दौरान सामना किए गए उत्साहजनक और चुनौतीपूर्ण क्षणों को व्यक्त करेगी।
किताब के बारें में संक्षिप्त वर्णन-
ताई पुस्तक पद्म भूषण सुमित्रा ताई महाजन के लोकसभा अध्यक्ष बनने तक उनके जीवन की एक दिलचस्प यात्रा के बारें में बयां करती है।
सुमित्रा महाजन एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 2014 से 2019 तक लोकसभा की 16वीं अध्यक्ष थीं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य के रूप में, उन्होंने देश की सेवा को अपने जीवन का काम बना लिया।
उन्होंने 1989 से 2019 तक मध्य प्रदेश के इंदौर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सबसे लंबे समय तक संसद की महिला सदस्य के रूप में किया और फिर चुनावी राजनीति से सेवानिवृत्त हो गईं।
उन्होंने 1999 से 2004 तक केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया, मानव संसाधन विकास, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की देखभाल करने का काम सौंपा।
उन्होंने न केवल सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर स्थायी समिति (2004-2009) की अध्यक्ष का पद संभाला, बल्कि ग्रामीण विकास पर स्थायी समिति (2009-2014) भी रहीं।
वह 16वीं लोकसभा में संसद की महिला सदस्यों में सबसे बड़ी और सबसे वरिष्ठ थीं।
मीरा कुमार के बाद लोकसभा अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने वाली वह दूसरी महिला हैं। उन्हें 2021 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।