समग्र समाचार सेवा
कोलंबो, 10 मई। श्रीलंका में आर्थिक संकट से उपजा असंतोष से अब गृह युद्ध की वजह बन सकता है। सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे से नाखुश समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। जिसके बाद उनके विरोधी भी उग्र हो गए। जब राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो छोड़कर जाने की कोशिशें कीं। उनकी गाड़ियों को जगह-जगह निशाना बनाया गया।
महिंदा राजपक्षे के पुश्तैनी घर को आग के हवाले कर दिया
दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा में महिंदा राजपक्षे के पुश्तैनी घर को आग के हवाले कर दिया। वहीं, राजधानी कोलंबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया गया। अब तक 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर जलाए जा चुके हैं। श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर +94-773727832 और ईमेल ID cons.colombo@mea.gov.in जारी की गई है।
प्रधानमंत्री आवास के अंदर फायरिंग
खबरों के मुताबिक, सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने पीएम के आधिकारिक आवास ‘टेम्पल ट्री’ का मेन गेट तोड़ दिया और यहां खड़े ट्रक में आग लगा थी। इसके बाद आवास के अंदर गोलीबारी भी की गई। उग्र होती भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की।
अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना को ठहराया जिम्मेदार
श्रीलंका 1996 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने PM आवास पर हिंसा के लिए श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। रणतुंगा ने कहा कि एसएलपीपी ने ही लोगों की हिंसक भीड़ को इकट्ठा किया था।
श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत
बीते दिन श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत की खबर भी सामने आई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमरकीर्ति ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी थी और बाद में भीड़ से बचने के लिए बिल्डिंग में छिप गए। यहीं से उनका शव बरामद हुआ है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि उनकी मौत किस वजह से हुई है।
एक महीने में 2 बार लगा आपातकाल
खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर आम लोगों ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली में हिंसक प्रदर्शन किए थे। इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से इमरजेंसी लगाने की घोषणा की थी। श्रीलंका में एक महीने बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया है। इसके पहले 1 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी, जिसे 6 अप्रैल को हटा दिया गया था।