अब संस्कृत में भी कर पाएंगे ट्रांसलेशन, गूगल ने आठ भारतीय भाषाओं को जोड़ा

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 12 मई। दिग्गज सर्च इंजन गूगल ने संस्कृत सहित आठ भारतीय भाषाओं को गूगल ट्रांसलेट में जोड़ा है। इंटरनेट फर्म लगातार अपने ऑनलाइन ट्रांसलेशन प्लेटफॉर्म पर कई क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ रही है। गूगल रिसर्च के सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर आइजैक कैसवेल ने एक साक्षात्कार में बताया, ‘संस्कृत गूगल ट्रांसलेट में नंबर वन और सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट की जाने वाली भाषा है और अब हम इसे आखिरकार जोड़ रहे हैं। हम पूर्वोत्तर भारत से पहली बार भाषाओं को जोड़ रहे हैं।”

इन भाषाओं को समझने में अब होगी आसानी

संस्कृत के अलावा, गूगल ट्रांसलेट के लेटेस्ट प्रोग्राम में अन्य भारतीय भाषाएं असमिया, भोजपुरी, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मिजो और मेइतिलोन (मणिपुरी) हैं। इसी के साथ अब गूगल ट्रांसलेट पर उपलब्ध भारतीय भाषाओं की कुल संख्या को 19 हो गई है। यह घोषणा बुधवार की देर रात शुरू हुए वार्षिक गूगल  सम्मेलन में की गई।

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया

बता दें कि भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है और इस अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। लेकिन गूगल का लेटेस्ट अपडेट भारत की सभी 22 अनुसूचित भाषाओं को कवर नहीं करता है। इसको लेकर कैसवेल ने बताया, “हमने अनुसूचित भाषाओं के इस गैप को कम से कम करने के लिए काफी हद तक प्रयास किया है।” अपडेट में जोड़ी गईं सभी भाषाओं को केवल टेक्स्ट ट्रांसलेशन फीचर में सपोर्ट किया जाएगा, लेकिन कंपनी जल्द ही वॉयस टू टेक्स्ट, कैमरा मोड और अन्य फीचर्स को रोल आउट करने पर काम करेगी। उन्होंने कहा, “हम उन पर काम कर रहे हैं, लेकिन वे अभी तक इन सभी भाषाओं को सपोर्ट नहीं करते हैं।”

ट्रांसलेशन के संबंध में कमियों को दूर करने के लिए भी चल रहा काम

गूगल भारतीय भाषाओं के ट्रांसलेशन के संबंध में कमियों को दूर करने के लिए भी काम कर रहा है। कैसवेल ने कहा, “हमें यह आभास होता है कि भारतीय भाषाओं के लिए हमारे मॉडल द्वारा अक्सर किए जाने वाले अनुवाद में गलतियां पुराने शब्दों की होती हैं।” उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे शब्द ट्रांसलेट होते हैं जिन्हें लोग नहीं जानते या नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, “हम (समस्याओं) को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश कर रहे हैं, और उम्मीद है कि हमारे मॉडल को इस पुराने जमाने के बजाय अधिक बोलचाल के आउटपुट की ओर स्थानांतरित करना होगा।”

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.