बिहार में बाढ आने की संभावना, दवाओं का भंडारण करने का दिया गया निर्देश

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समग्र समाचार सेवा
पटना, 1जून। राज्य में संभावित बाढ़ और उससे उत्पन्न स्थिति से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। इसके लिए सभी जिलों में विभाग के वरीय पदाधिकारियों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सीय प्रबंधन, जरूरी सामग्रियों और दवा का भंडारण की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों का ससमय समुचित इलाज संभव हो सके।
यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बाढ़ से उत्पन्न जलजमाव और जलजनित बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों को आपात स्थिति में त्वरित प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फूड पैकेट के साथ कुछ औषधियों को भी औषधि किट के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। फूड पैकेट के साथ औषधि किट उन्हीं जिलों में वितरित किया जायेगा, जहां बाढ़ की विभीषका ज्यादा गंभीर होगी। इसके अलावा ब्लीचिंग पावडर एवं चूना का छिड़काव बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किया जाएगा, ताकि जलजनित बीमारियों एवं महामारी को रोका जा सके। छिड़काव सामग्रियों का भंडारण, वितरण एवं उसके उपयोग के बारे में दिशा-निर्देश दिया जा रहा है।
पांडेय ने कहा कि जिलों एवं प्रखंडों के स्वास्थ्य संस्थानों में जिन दवाइयों को उपलब्ध कराया जाएगा, उनमें सांप काटने की दवा, कुत्ता काटने की दवा, ओआरएस पैकेट, जिंक टैबलेट, हालाजोन टैबलेट इत्यादि दवाएं, ब्लीचिंग पावडर एवं लाइम आदि सामग्रियां शामिल हैं। इसके लिए सभी क्षेत्रीय अपर निदेशक एवं सिविल सर्जनों को आवश्यक निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी जिलों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेज दी गई है। किसी भी आपात स्थिति में दवा से लेकर अन्य जरूरी संसाधनों की किसी प्रकार की कमी होने पर विभाग द्वारा तुरंत उसकी आपूर्ति की जाएगी।

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