समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18जून। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर पहुंचे हैं। शनिवार को उनकी मां हीराबेन का 100वां जन्मदिन है। इस मौके पर उन्होंने मां से मिलकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद पंचमहल जिले के पावागढ़ में नवनिर्मित महाकाली मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने मंदिर में ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा कि गुजरात ने भारत की स्वतंत्रता और उसके विकास में योगदान दिया है।
पीएम ने कहा कि पहले पावागढ़ की यात्रा इतनी कठिन थी कि लोग कहते थे कि जीवन में एक बार माता के दर्शन हो जाएं। आज यहां बढ़ रही सुविधाओं ने मुश्किल दर्शनों को सुलभ कर दिया है। माताएं, बहनें, बुजुर्ग, बच्चे दिव्यांग हर कोई मां के चरणों में आकर अपनी भक्ति का, मां के प्रसाद का सहज लाभ ले सकते हैं। पंचमहल के लोगों से मेरा आग्रह है कि बाहर से जो भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आएं, उनको आप अपने राज्य के अन्य पवित्र तीर्थस्थानों पर जाने के लिए अवश्य कहिएगा। किसी भी क्षेत्र में पर्यटन बढ़ता है तो रोजगार भी बढ़ता है, इंफ्रास्ट्रकचर का भी विकास होता है।
500 साल बाद पावागढ़ पर्वत के काली मंदिर में ध्वजा फहराई गई है। इस मौके पर पीएम ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि 5 शताब्दी के बाद और आजादी के 75 साल के बाद तक मां काली के शिखर पर ध्वजा नहीं फहरी थी, आज मां काली के शिखर पर ध्वजा फहरी है। ये पल हमें प्रेरणा और ऊर्जा देता है और हमारी महान संस्कृति एवं परंपरा के प्रति हमें समर्पित भाव से जीने के लिए प्रेरित करता है। ये शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है। ये शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है।
Gujarat | Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Kalika Mata temple atop the Pavagadh hill in Panchmahal district. CM Bhupendra Patel also present with the Prime Minister. pic.twitter.com/XLBa97HbD7
— ANI (@ANI) June 18, 2022
अयोध्या के राम मंदिर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में आपने देखा कि भव्य राम मंदिर आकार ले रहा है, काशी में विश्वनाथ धाम हो या मेरे केदार बाबा का धाम हो। आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव पुनर्स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ साथ अपनी प्राचीन पहचान को भी जी रहा है, उन पर गर्व कर रहा है। मेरा जो भी सामर्थ्य है, मेरे जीवन में जो कुछ भी पुण्य हैं, वो मैं देश की माताओं-बहनों के कल्याण के लिए, देश के लिए समर्पित करता रहूं।
पीएम ने कहा कि मां काली का आशीर्वाद लेकर विवेकानंद जी जनसेवा से प्रभुसेवा में लीन हो गए थे। इसी तरह मां मुझे भी आशीर्वाद दो कि मैं और अधिक ऊर्जा के साथ और अधिक त्याग और समर्पण के साथ देश के जन-जन का सेवक बनकर उनकी सेवा करता रहूं।