समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 19जून। देश भर में विरोध के बीच राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मंत्रिपरिषद ने अग्निपथ के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें केंद्र सरकार से अपील की कि वह सेनाओं में युवाओं की लघु अवधि के लिए संविदा भर्ती की अपनी ‘अग्निपथ’ योजना को जनहित और युवाओं की भावना को ध्यान में रखते हुए वापस ले ले. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में देशभर के युवाओं द्वारा अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की गई. साथ ही मंत्रिपरिषद ने युवाओं से संयम रखते हुए अपनी बात शांतिपूर्ण, अहिंसक एवं लोकतांत्रिक तरीके से रखने की अपील की.
बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार बैठक में चर्चा की गई कि भारतीय सेना दुनिया की सबसे बहादुर सेना है, जो अपने अदम्य साहस के लिए जानी जाती है. बयान के मुताबिक हमारी सेना का इतिहास गौरवशाली रहा है, जिस पर पूरे देश को गर्व है. बयान के मुताबिक बैठक में कहा गया कि भारतीय सेना का आत्मविश्वास और उसकी प्रतिष्ठा बनी रहे, इसके लिए सेना में कुशलता, अनुभव एवं स्थायित्व होना आवश्यक है. सेना में दक्षता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि अल्पकाल के स्थान पर स्थायी रूप से भर्तियां हों, ताकि उनके अनुभव का लाभ देश को मिल सके.
The State Council of Ministers unanimously passed a resolution that the #AgnipathScheme must be withdrawn keeping in mind the larger public interest and the sentiments of the youths: Rajasthan Govt pic.twitter.com/s52iYRZeXR
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 18, 2022
बयान के मुताबिक बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सेना सभी संसाधनों से युक्त हो और उसे निरंतर मजबूत किया जाए. बयान के अनुसार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि व्यापक जनहित एवं युवाओं की भावना को ध्यान में रखते हुए अग्निपथ योजना को वापस लिया जाए.