समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20जून। ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध की आग कई राज्यों में फैल गई है। एक ओर जहां प्रदर्शनकारी लगातार हिंसक होते जा रहे हैं। वहीं, पुलिस ने भी कार्रवाई तेज कर दी है। खबर है कि प्रदर्शनों के बीच अब तक एक हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें अधिकांश गिरफ्तारियां बिहार में हुई हैं। वहीं, सैकड़ों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा व्हाट्सऐप और कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी पुलिस की जांच में शामिल है।
बिहार
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित माने जा रहे बिहार में 148 FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, 805 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव चैतन्य प्रसाद का कहना है कि आंदोलन के नाम पर सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मसौढ़ी में चार कोचिंग संस्थानों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज हुई है। खबर है कि इस जिले से 191 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तेलंगाना
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेलवे) संदीप शांडिल्य ने कहा, ‘बाहरी असमाजिक तत्व शामिल नहीं हुए थे और हमले सेना में नौकरी की इच्छा रखने वालों की तरफ से किए गए थे, जिन्हें कोचिंग संस्थानों के प्रमुखों ने गुमराह किया था।’ सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हुई आगजनी में कुल 46 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उत्तर प्रदेश
हिंसक प्रदर्शनों से जुड़े मामलों में पुलिस ने 387 गिरफ्तारियां की हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेश (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस ने रविवार तक पुलिस ने 34 FIR दर्ज की हैं।
गुजरात
पुलिस ने जानकारी दी कि अग्निपथ योजना के खिलाफ बगैर इजाजत जुटने के चलते 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है। शहर के मेघानीनगर इलाके में करीब 100 लोग जुटे थे।
उत्तराखंड
शुक्रवार को नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग पर कथित हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते 300 से 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस नेकहा कि युवा प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे। उन्होंने बताया कि वे पुलिस और आने जाने वालों के साथ गलत बर्ताव और हाथापाई कर रहे थे। साथ ही पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया.