शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर व केंद्र समेत कई नेताओं को भेजा नोटिस, 11 जुलाई को अगली सुनवाई

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समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 27जून। महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामा अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट आज शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी सरकार के बहुमत खोने का दावा किया है. अपनी याचिका में शिंदे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है क्योंकि शिवसेना विधायक दल के 38 सदस्यों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सदन में बहुमत से नीचे आ गया है. वहीं दूसरी शिवसेन सांसद संजय राउत को ED का समन आया है, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इसके अलावा इस सियासी संकट में अब राज ठाकरे की भी एंट्री हो गई है, अटकलें हैं कि राज ठाकरे और शिंदे साथ आ सकते हैं. दिन भर जारी इस राजनीतिक उठापटक की सभी अपडेट्स को जानने के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें.
धवन ने कोर्ट को आस्वस्त किया कि इस दरम्यान डिप्टी स्पीकर अयोग्यता पर कोई फैसला नहीं लेंगे. कोर्ट ने पूछा कि क्या हम इस पर रिकॉर्ड पर ले ले. शिंदे ग्रुप की ओर से कौल ने रेकॉर्ड पर लेने का आग्रह किया. सिंघवी ने इसका विरोध किया.

बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट शिंदे की याचिका पर सुनवाई करते हुए डिप्टी स्पीकर की ओर से राजीव धवन, अजय चौधरी औऱ सुनील प्रभु की ओर से सिंघवी को नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने 5 दिन में हलफनामा दायर करने के लिए कहा है. हलफनामे का जवाब 3 दिन में दाखिल कर पाएंगे. अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

नारायण राणे ने ट्वीट कर शिवसेना पर निशाना साधा है, उन्हों कहा कि शिवसेना की शक्ति अतीत में जमा हुई. युवराज को धमकी देना बंद कर देना चाहिए. जो अपने अंगों पर मच्छरों को नहीं मार सकते. उन्होंने सवाल दागते हुए पूछा कि ‘गुवाहाटी के होटलों से बाहर निकलेंगे विद्रोहियों की लाशें’, जैसे बयान पर कौन विश्वास करेगा? उन्होंने पूछा कि क्या ऐसी धमकी देना अपराध नहीं है?

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